पहिलै पानि नदी उफनायँ।
तो जानियौ कि बरखा नायँ।।
भावार्थ- यदि पहली वर्षा के पानी से नदियाँ उफना जायँ तो समझ लें कि अब आगे वर्षा होने की सम्भावना नहीं है।
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