पहचान

पानी नवोन्मेष का
नवजीवन का प्रतीक है
पानी का ही
सबसे पुराना अतीत है

पानी ही रस है
रसना पानी के ही चलते
है लरम और उच्चारण-समर्थ

मुश्किलें ऐसी की दिन भर
इतना पानी खर्च होता है
कि आवाज़ को संतुलित
और मधुर रखना है कितना कठिन

भिड़ते-जूझते हमको हमारी
पानी ही पहचान देता है!

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