पहाड़ों पर फिर कुदरत का कहर


1. कर्णप्रयाग में 30 घरों में मलबा घुसा, दो वाहन बहे, चार मलबे में दबे
2. श्रीनगर में अलकनन्दा का जल स्तर बढ़ा, ढाई घंटे तक फँसे रहे 40 मजदूर।


बादल फटने से एक दर्जन घरों में मलबा घुस गया। पुलिस और आपदा प्रबन्धन दल के सदस्य बचाव एवं राहत कार्यों में जुटे हैं। मौसम की करवट के साथ चमोली जिले में शनिवार की रात भारी गुजरी। थराली के कुराड़ गाँव में अतिवृष्टि से एक ग्रामीण का घर क्षतिग्रस्त हो गया। इस घर में वर्कशॉप भी था, जिसका पूरा सामान मलबे की भेंट चढ़ गया। कई जगह मलबा आने से थराली-देवाल मार्ग बाधित हो गया है। जंगलों में आग से मची तबाही से उत्तराखण्ड अभी उबर भी नहीं पाया था कि शनिवार देर रात गढ़वाल और कुमाऊँ में बादलों ने कहर बरपा दिया। यहाँ बादल फटने से खासा नुकसान हुआ है। कर्णप्रयाग में घरों में मलबा घुस गया तो श्रीनगर में अलकनन्दा व चमोली जिले के थराली में बरसाती नदी उफान पर आ गई। इससे दो वाहनों के पिंडर नदी में बह गए व चार मलबे में दब गए।

मलबा आने से थराली-कर्णप्रयाग मार्ग बन्द हो गया। बदरीनाथ राजमार्ग पर भी वाहनों की आवाजाही बाधित है। दो घर भी तबाह हुए हैं। श्रीनगर में अलकनन्दा का जलस्तर बढ़ने से श्रीयंत्र टापू पर खनन कार्य में लगे 40 मजदूर फँस गए। ढाई घंटे की मशक्कत के बाद उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने में कामयाबी मिली। कुमाऊँ के चम्पावत, बागेश्वर व अल्मोड़ा जिलों में मौसम ने कहर बरपाया।

सेरा कन्याना में बादल फटने से एक दर्जन घरों में मलबा घुस गया। पुलिस और आपदा प्रबन्धन दल के सदस्य बचाव एवं राहत कार्यों में जुटे हैं। मौसम की करवट के साथ चमोली जिले में शनिवार की रात भारी गुजरी। थराली के कुराड़ गाँव में अतिवृष्टि से एक ग्रामीण का घर क्षतिग्रस्त हो गया। इस घर में वर्कशॉप भी था, जिसका पूरा सामान मलबे की भेंट चढ़ गया। कई जगह मलबा आने से थराली-देवाल मार्ग बाधित हो गया है।

गैरसैण तहसील के पत्थरकट्टा गाँव के पास पुल, पेयजल, लाइनें क्षतिग्रस्त हो गईं। इस गाँव के नीचे भूस्खलन शुरू होने से खतरा बढ़ गया है। बंगाली गाँव में आकाशीय बिजली गिरने से दिनेश सिंह के घर में आग लग गई, ग्रामीणों ने जैसे-तैसे आग पर काबू पाया। चमोली के जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन के अनुसार कर्णप्रयाग के आपदा प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।

सभी प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन की टीमें तैनात हैं। कुमाऊँ के चम्पावत, बागेश्वर और अल्मोड़ा जिलों में भी बारिश कहर बनकर टूटी। चम्पावत के ग्राम सेरी कन्याना में बादल फटने से करीब एक दर्जन घरों में मलबा घुस गया। कई वाहन भी मलबे में दब गए। अल्मोड़ा जिले के मकड़ाऊ में मार्ग बन्द होने से पिथौरागढ़ जिले का अल्मोड़ा, हल्द्वानी व नैनीताल सहित मैदानी जिलों से 10 घंटे सम्पर्क कटा रहा। उधर, मौसम विभाग ने सोमवार को भी बारिश की सम्भावना व्यक्त की है।

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Post By: RuralWater
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