पेयजल योजनाओं की सुस्ती पर केन्द्र की चेतावनी

मौजूदा वित्त वर्ष में उपलब्ध 4774.85 करोड़ की केन्द्रीय सहायता में से तीन माह में महज 101.40 करोड़ ही खर्च

.नई दिल्ली। पेयजल योजनाओं में कछुआ चाल और बजट का समय से उपयोग नहीं कर पा रहे राज्यों को अब केन्द्र से नई राशि लेने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। केन्द्र ने सभी राज्यों को इसके लिए चेतावनी देते हुए कहा है कि उन्हें इस पर रफ्तार बढ़ानी होगी, नहीं तो नया बजट नहीं मिल पाएगा। पेयजल एवं स्वच्छता मन्त्रालय ने राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना (एनआरडीडब्ल्यूपी) की समीक्षा के बाद राज्यों के प्रमुख सचिवों को इस बारे में आगाह किया है। समीक्षा में सामने आया है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में उपलब्ध 4774.85 करोड़ रुपए की केन्द्रीय सहायता में से शुरुआती तीन महीनों में राज्यों ने महज 101.40 करोड़ रुपए ही खर्च किए हैं।

ये कहा केन्द्र ने


1. वित्त मन्त्रालय राज्यों के पैसा खर्च करने की प्रवृत्ति के आधार पर ही आगे राशि जारी करेगा।
2. राज्य पैसा खर्च करने और योजना पूरी करने में तेजी लाएँ।
3. योजना की प्रगति और बजट के सदुपयोग की रिपोर्ट पर ही नया बजट होगा स्वीकृत।

म.प्र ने 31.25 करोड़ रुपए खर्च किए


वित्तीय वर्ष के बीते तीन माह में राजस्थान ने उपलब्ध 554.69 करोड़ रुपए में से सिर्फ 9.03 करोड़ रुपए ही खर्च किए। मप्र ने 316.52 करोड़ रुपए में से 31.25 रुपए खर्च किए।

छत्तीसगढ़ ने नहीं दिया ब्योरा


छत्तीसगढ़ ने केन्द्र को अपने यहाँ खर्च का ब्यौरा ही नियत समय में नहीं दिया। वहाँ उपलब्ध 57.13 करोड़ रुपए की राशि में से एक भी पैसा खर्च नहीं होना बताया गया है। ब्यौरा नहीं देने वाले राज्यों में गुजरात भी शामिल हैं।

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