पेयजल की गुणवत्ता हेतु डब्लूएचओ के दिशानिर्देश (तीसरा संस्करण)


विभिन्न विकसित और विकासशील देशों द्वारा पीने के पानी हेतु डब्लूएचओ के दिशानिर्देशों (पहले और दूसरे संस्करण) का उपयोग, विभिन्न प्रकार के नियमों और मानक तय करने के लिये किया जा रहा है। और अब तो बड़ी संख्या में रासायनिक खतरों को देखते हुए जल की माइक्रोबियल सुरक्षा और दिशानिर्देशों का सही पालन करना बहुत ही आवश्यक हो चला है। हाल ही में जारी डब्लूएचओ के दिशानिर्देशों के तीसरे संस्करण में तेज विकास से सम्बन्धित खतरों और उनके प्रबन्धन हेतु दूसरे संस्करण के बाद से क्या तकनीकी सुविधायें नयी जोड़ी गयी हैं, इसका भी उल्लेख किया गया है। यह संस्करण जल सम्बन्धी विभिन्न हितधारकों, राष्ट्रीय नीतिनिर्माताओं, आपूर्तिकर्ताओं, समुदायों और स्वतन्त्र निगरानी संस्थाओं के लिये एक "सुरक्षित पेयजल डाटा का एक फ़्रेमवर्क" प्रस्तुत करता है।

दिशानिर्देश के इस तीसरे भाग में विस्तार से "जल सुरक्षा योजना" में पानी की माइक्रोबियल सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु मार्गदर्शन किया गया है। इस संस्करण में जल प्रदूषण से सम्बन्धित ऐसे कई नये केमिकल्स के बारे में जानकारी को भी शामिल किया गया है जिनके बारे में पहले अधिक सूचनायें और जानकारी उपलब्ध नहीं थीं। साथ ही इस संस्करण में पहली बार जलजनित रोगाणुओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई है।

Tags - Guidelines for drinking-water qualityDate: Nov 2008, WHO, Drinking Water Standards, Water Quality, Waterborne diseases, WHO, Health in Hindi.

 

 

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