पौष अँध्यारी तेरसै, चहुँदिसि बादर होय।
सावन पूनों मावसै, जलधर अतिहीं जोय।।
शब्दार्थ- मावसै – अमावस्या
भावार्थ- पौष कृष्ण पक्ष की तेरस को यदि आसमान में चारों तरफ बादल छाये हों तो सावन की पूर्णिमा और अमावस्या को वर्षा अधिक होगी।
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