पारे ने लगाया गोता, प्रदूषण खतरनाक स्तर पर

दिल्ली में जानलेवा हो रहा है स्मॉग
दिल्ली में जानलेवा हो रहा है स्मॉग


नई दिल्ली: राजधानी सहित समूचे उत्तर भारत में पारा गिरने के साथ ही प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है। इस हालात के मद्देनजर केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तहत काम करने वाले कार्यबल ने आकस्मिक बैठक की और लोगों के लिये सावधानी बरतने के कई परामर्श जारी किये हैं।

कार्यबल का सुझाव कि लोग अगले तीन से पाँच दिनों तक घर से बाहर न निकलें या कम निकलें। शनिवार और रविवार को प्रदूषण के गम्भीर श्रेणी में जाने के बाद सम्बन्धित एजेन्सियों को सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं।

दिल्ली में रविवार को साल में दूसरी बार प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा रहा। इस दिन का न्यूनतम तापमान (3.7) भी 12 साल में दूसरी बार इतना कम स्तर तक पहुँचा। कार्यबल ने निजी गाड़ियों खास तौर से डीजल वाहनों के इस्तेमाल से परहेज करने व सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की सलाह दी है। दिल्ली में सम्बन्धित अधिकारियों व एजेंसियों को प्रदूषण के उत्सर्जन स्रोतों पर निगरानी व नियंत्रण बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

राजधानी पिछले 12 साल मेें रविवार को दिसम्बर महीने का सबसे कम तापमान दर्ज किया गया। पारा लुढ़क कर 3.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया। मौसम विभाग ने बताया कि इसके पहले 29 दिसम्बर, 2007 को पारा करीब इतना ही गिरा था। तब यह 3.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। रविवार को हवा में नमी का स्तर 99 फीसद रहा। प्रदूषण, नमी व ठंड के कारण बनी हल्की धुन्ध छाए रहने से दृश्यता भी थोड़ी कम ही दर्ज की गई। पालम में दृश्यता 300 मीटर तक दर्ज की गई जबकि सफदरजंग में यह 400 मीटर रही।

मौसम विभाग ने रविवार को न्यूनतम तापमान इस मौसम के औसत से चार डिग्री सेल्सियस कम रहने का अनुमान जताया था। विभाग के आँकड़ों के मुताबिक एनसीआर में दिसम्बर महीने में अब तक का सबसे कम तापमान का रिकॉर्ड 26 दिसम्बर, 1945 का है। तब यह 1.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। विभाग ने अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहने की उम्मीद जताई है। सीपीसीबी के सदस्य सचिव की अगुआई में हुई कार्यबल बैठक में दिल्ली की वायु गुणवत्ता के लगातार गम्भीर या बहुत खराब स्तर बने रहने के कारणों की समीक्षा की गई। बैठक में कहा गया कि अगले तीन से पाँच दिनों तक हवा की गति काफी धीमी रहने व मौसम में ठंडक अधिक रहने के कारण प्रदूषक तत्व वायुमंडल के निचले स्तर पर बने रहेंगे।

मुख्य बातें

1. फरीदाबाद और नोएडा में भी वायु गुणवत्ता गम्भीर श्रेणी में रही।
2. दिल्ली में महीन धूल कणों (पीएम 2.5) का स्तर 402 रहा, जबकि मोटे धूल कण व प्रदूषक (पीएम 10) का स्तर 580 रहा।
3. हवा में मौजूद महीन धूल कणों (पीएम 2.5) के गम्भीर व आपात श्रेणी में पहुँचने के मद्देनजर ही कार्यबल ने बैठक की।
4. 446 रहा, दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक जो गम्भीर दर्ज में आता है।
5. 471 एक्यूाआई रहा वायु गुणवत्ता व मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) के आंकड़ों के मुताबिक। गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सबसे खराब दर्ज की गई, जहाँ एक्यूआई 473 रहा।

 

 

 

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