पानी पर हाहाकार जनता को जगाएगी सरकार


जल गर्मी की शुरुआत के साथ ही मुम्बई, ठाणे और नई मुम्बई सहित समूचे महाराष्ट्र में पीने के पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। पानी द्वारा लगाई गई ‘आग’ (किल्लत) के कारण मार्च महीने में ही जहाँ त्राहि-त्राहि मच गई है वहीं बार-बार पानी की पाइप लाइनों के फूटने से हजारों लीटर पानी व्यर्थ बह जा रहा है। पानी को लेकर मचे हाहाकार से निपटने के लिये सरकार पानी के अपव्यय को रोकने के लिये जन जागृति अभियान के जरिए जनता को जगाने की तैयारी कर रही है।

बता दें कि मुम्बई तथा आसपास के मीरा-भाइंदर, कल्याण-डोंबिवली, उरण, उल्हासनगर, भिवंडी तथा ठाणे महानगरपालिका क्षेत्र में पानी की कमी के कारण हाहाकार मच गया है। मुम्बई में मनपा एस वार्ड अन्तर्गत विक्रोली-पूर्व के टैगोर नगर वार्ड क्रमांक-114 में पिछले दो दिनों से एक बड़ी पाइप लाइन में लीकेज होने के कारण हजारों लीटर पानी व्यर्थ बर्बाद हो रहा है। इसी तरह ठाणे जिले के मुम्ब्रा, दिवा सहित 27 गाँव के लोगों को पीने के पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में कल्याण-शील रोड स्थित पानी की पाइप लाइन विगत कुछ ही दिनों में दूसरी बार फूट गई। ठाणे मनपा की ओर से 16 और 17 मार्च को 48 घंटे तथा कलवा-मुम्ब्रा परिसर में 16 से 19 मार्च तक 60 घंटे पानी कटौती की घोषणा की गई है।

मनपा प्रशासन में शहर में स्थित 75 स्विमिंग पुलों को भी फिलहाल जलापूर्ति पर रोक लगा दी है। डोंबिवली क्षेत्र के नांदिवली गाँव में पिछले शनिवार से पानी की आपूर्ति न होने के कारण लोगों के सब्र का बाँध टूटने लगा है। शिवसेना के पदाधिकारियों ने मोर्चा निकालकर पर्याप्त जलापूर्ति बहाल करने की माँग मनपा प्रशासन और राज्य सरकार से की। पानी को लेकर मचे हाहाकार का फायदा उठाते हुए टैंकर माफिया ने पानी आपूर्ति की दर में 40 से 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर दी है। भाजपा विधायक नरेंद्र मेहता के नेतृत्त्व में महापौर गीता जैन सहित भाजपा नगरसेवकों ने पालक मंत्री एकनाथ शिंदे और जलापूर्ति मंत्री गिरीश महाजन से मुलाकात की तथा मीरा-भाइंदर के लिये पानी की माँग करते हुए भाजपा के नगरसेवकों द्वारा संयुक्त रूप से इस्तीफा दिये जाने की चेतावनी राज्य सरकार को दी है।

जलापूर्ति मंत्री गिरीश महाजन ने बताया कि महाराष्ट्र में वर्षा का प्रमाण असमान है। कहीं 400 मि.मी. तो कहीं 6000 मि.मी. बारिश होती है। जहाँ अच्छी बारिश होती है वहाँ के लोग पानी के अपव्यय करने के आदि होते हैं। तो वहीं कम बारिश वाले क्षेत्र के लोग बूँद-बूँद के लिये तरसते हैं। बड़े शहरों में प्रति व्यक्ति 200 से 300 लीटर पानी का इस्तेमाल किया जाता है तो वहीं ग्रामीण भागों में लोगों को 40 लीटर पानी भी नहीं मिल पाता है इसलिये राज्य स्तर पर जन जागृति के लिये ‘जलजागृति अभियान’ मनाने का निर्णय सरकार ने लिया है। गिरीष महाजन ने बताया कि जल संरक्षण के लिये देश में सर्वाधिक परियोजनाएँ महाराष्ट्र में है। राज्य में कुल 3200 बाँध बनकर तैयार हो गए हैं तो वहीं 400 बाँधों के निर्माण का काम चल रहा है। राज्य में फिलहाल 1115 टी.एम.सी. पानी संरक्षण की क्षमता निर्माण हो गई है लेकिन कम बारिश के कारण राज्य के बाँधों में सिर्फ 27 फीसदी पानी ही शेष बचा है।

जल बचाओ, कल बचाओ


जल ही जीवन है। जल की बर्बादी अर्थात जीवन सम्पदा की बर्बादी। इन दिनों पूरा देश पानी की किल्लत से जूझ रहा है। अभी तो गर्मी का मौसम शुरू हुआ है, मानसून आने में महीनों लम्बा इन्तजार करना होगा, ऐसे में जीवनदायी जल बचाने की जिम्मेदारी हम सभी की है। इसी उद्देश्य से ‘दोपहर का सामना’ ने एक मुहिम शुरू की है, ‘जल बचाओ, कल बचाओ’ जहाँ हम आपको पानी बचाने की कुछ टिप्स देंगे। यदि आप में से किसी के पास ऐसे कोई टिप्स या उपाय हों तो आप हमें भेज सकते हैं। हम आपके नाम के साथ उसे प्रकाशित करेंगे। ‘जल बचाना’ सामाजिक सेवा है और बेहतर भविष्य की योजना भी।

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सदगुरू दर्शन, नागु सयाजी वाडी, दैनिक सामना मार्ग, प्रभादेवी, मुम्बई-400025, ईमेल-dks.saamana@gmail.com

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