पानी पर बतख

पानी पर बतख
सुन्दरता
तैर रहे हैं

पार नहीं होना है
अपने कुटुम्ब के साथ घूमना-फिरना है
रोजी-रोटी जुटाना है
और झील का मन बहलाना है

मादा नर को रिझा रही है
और नर मादा पर प्यार बरसा रहा है

पानी पर बतख सुन्दरता तैर रहे हैं

झील लहरों की रस्सी से
आसमान झूल रही है
पानी तरलता के रियाज़ में है!

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