कहते हैं कि जल ही जीवन है, तभी तो लोग भी अक्सर सलाह देते हैं कि पानी पियो और स्वस्थ रहो, लेकिन साथ ही यह भी सच है कि स्वस्थ और सक्रिय जीवन जीने के लिये शारीरिक गतिविधियाँ होना भी बहुत ही आवश्यक है। योग, व्यायाम के साथ ही पैदल चलना स्वस्थ जीवन की कुँजी है, लेकिन किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधियाँ जब हम करते हैं तो उस समय हमारे शरीर से काफी पसीना निकलता है। शरीर से पसीना बहने के बाद हमें प्यास की अनुभूति होने लगती है। हम तब ढेर सारा पानी पीते हैं, लेकिन पसीने के नुकसान की भरपाई के लिये केवल सादा पानी का प्राशक करना ही पर्याप्त नहीं होता है। क्योंकि पसीने से हमारे शरीर के न सिर्फ पानी का क्षय होता है, बल्कि इससे हमारे शरीर के इलेक्ट्रोलाइट्स का भी क्षय होता है। इसलिये पानी के साथ-साथ सभी इलेक्ट्रोलाइट्स की भरपाई होना भी बहुत ही आवश्यक है।
प्रत्येक इलेक्ट्रोलाइट अलग-अलग भूमिकाएँ निभाता है, सोडियम इलेक्ट्रोलाइट के सन्तुलन को बरकरार रखने में सहायता करता है, पोटैशियम पेशियों के खिंचाव की रोक-थाम के लिये महत्त्वपूर्ण है, मैग्नीशियम स्नायु व पेशियों की कार्यप्रणाली का रख-रखाव करता है। जबकि कैल्शियम हड्डियों को सशक्त बनाता है और क्लोराइड पानी के सन्तुलन को ठीक रखता है। माँसपेशियों का तीन चौथाई हिस्सा पानी से बना होता है। जब शरीर में जल की मात्रा कम हो जाती है, तब पेशियाँ अपनी पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर पातीं, जिसके कारण उसकी क्षमता में गिरावट आ जाती है। ऐसे में सन्तुलित हाइड्रेशन बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि इससे पेशियों के खिंचाव, थकान, चक्कर को रोकने और शरीर के कार्य में सुधार होता है।
हाइड्रेशन की आवश्यकता विविध कारकों के आधार पर अलग-अलग तरीके से निर्भर करती है। जिसमें शारीरिक गतिविधि, पसीने के निकलने की दर, जलवायु की स्थिति, बॉडी सर्फेस एरिया, आयु, लिंग, इत्यादि शामिल हैं, लेकिन हमें चुस्त-दुरुस्त और स्वस्थ रहने के लिये नियमित रूप से हाइड्रेट रहने की आवश्यकता होती है। इसका उपयोग करने से पहले या चयन के दौरान कार्बोहाइड्रेट एवं इलेक्ट्रोलाइट की मात्रा को जाँच लेना बहुत ही आवश्यक है। शरीर में पानी की पूर्ति को सुनिश्चित करने वाले पेय में ग्लूकोज एवं सुक्रोज दोनों का मिश्रण होना चाहिए, ताकि त्वरित एवं स्थायित्वपूर्ण ऊर्जा प्राप्त हो सके। शर्करा की उच्च मात्रा से युक्त पेय पदार्थों से परहेज करना बेहतर रहता है, क्योंकि यह सक्रिय कोशिकाओं से जल को खींच लेता है, जो इन कोशिकाओं को लम्बे समय तक निर्जलीकृत कर सकता है, जिससे स्थिति और अधिक खराब हो सकती है। पोषण विशेषज्ञ, चिकित्सक, खेल/फिटनेस कोच जैसे विशेषज्ञ आपको सन्तुलित जलीकरण के सन्दर्भ में बेहतर तरीके से मार्गदर्शन कर सकते हैं।
रोजमर्रा की दौड़धूप या शारीरिक गतिविधियों के बाद जब शरीर से पसीना निकलता है तब सिर्फ पानी नहीं बल्कि पानी के साथ एनर्जाल पीने से आप और अधिक ऊर्जावान हो सकते हैं। इसके कारण आपके शरीर को सक्रिय बनाए रखने के लिये महत्त्वपूर्ण इलेक्ट्रोलाइट्स के साथ ही जल एवं ऊर्जा की पुनः पूर्ति सम्भव हो जाती है। तो तन्दुरुस्त रहने के लिये ढेर सारा पानी पीना जरूरी है, लेकिन शारीरिक श्रम के बाद जब शरीर से पसीना बहता है तो उस समय सिर्फ पानी पीने से आपकी प्यास बुझती है। लेकिन थकान दूर नहीं होती है ऐसे समय पानी के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की भरपाई करनेवाला एनर्जाल लेना भी जरूरी है।
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