यूसर्क और बिड़ला संस्थान बना रहा नई डिवाइस
पानी की रियल टाइम मॉनीटरिंग होते रहने से पानी के रसायनों में बदलाव की जानकारी फौरन मिल जाएगी और समय रहते उपाय किए जा सकेंगे। पानी की जाँच के इस अभियान में छात्रों की इको टास्क फोर्स शामिल की जा सकती है।
अब पानी की जाँच के लिये सैंपल लैब में ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उत्तराखंड विज्ञान, शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) और बिड़ला इंस्टीट्यूट भीमताल ने ऐसा डिवाइस बनाने में सफलता पाई है जिसे पानी में डुबोते ही उसमें मौजूद तत्वों की सारी जानकारी मिल जाएगी। डिवाइस का शुरुआती प्रयोग सफल रहा है। अगर पानी में किसी तत्व का सामंजस्य बिगड़ा तो इससे जुड़े मोबाइल फोन पर अलर्ट एसएमएस आ जाएगा।
लैब टु लैंड नीति के तहत अनुसंधानों को आमजन के लिये उपयोगी बनाने की मंशा से यह डिवाइस तैयार की जा रही है। यूएनडीपी के बैनर तले राजभवन में आयोजित कार्यशाला के वैज्ञानिक सत्र में इस डिवाइस के संबंध में यूसर्क और यूसैक के निदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत ने जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इस डिवाइस को तैयार करने में शोधकर्ताओं और छात्रों की टीम को भी शामिल किया गया। स्थानीय स्तर पर विज्ञानियों और छात्रों के संयुक्त प्रयास से किया यह पहला शोध कार्य है। वैज्ञानिक सत्र में बताया गया कि यह डिवाइस गेंद के बराबर होगा। इससे नदियों, सरोवरों आदि के पानी की क्वालिटी की रियल टाइम मॉनीटरिंग की जा सकेगी।
इस डिवाइस से पानी का तापमान, रंग, पीएच फफूंदी, कंडक्टिविटी समेत अन्य तत्वों के संबंध में तुरंत पता चल जाएगा। उन्होंने बताया कि डिवाइस बहुत सस्ती होगी। लोग इसे खरीद भी सकेंगे। पानी की रियल टाइम मॉनीटरिंग होते रहने से पानी के रसायनों में बदलाव की जानकारी फौरन मिल जाएगी और समय रहते उपाय किए जा सकेंगे। पानी की जाँच के इस अभियान में छात्रों की इको टास्क फोर्स शामिल की जा सकती है।
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