इस अध्याय में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम के मुख्य प्रावधानों का सारांश दिया गया है जिसमें केन्द्रिय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी अधिकारिक दिशा निर्देश का भी समावेश किया गया है।
2.1 अधिनियम के उद्देश्य
यह अधिनियम उन ग्रामीण परिवारों के लिए है जो स्वेच्छा से अकुशल शारीरिक श्रम करना चाहते हैं। उन्हें प्रत्येक वित्त वर्ष में कम से कम 100 दिनों की मजदूरी की गारण्टी वाला रोजगार प्रदान करने की जिम्मेदारी सरकार ने ली है। ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन-यापन की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। सरकार को उम्मीद है कि इस रोजगार गारण्टी से उत्पादक परिसम्पतियों का निर्माण, पर्यावरण की सुरक्षा, ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण, गांवों से शहरों की ओर पलायन में कमी, सामाजिक समानता बढ़ाने जैसे अन्य उद˜देश्यों की प्राप्ति भी होगी।
2.2 अधिनियम का अनुप्रयोग
यह योजना देश के सबसे पिछड़े 200 जिलों में 2 फरवरी 2006 से आरम्भ की गई है (जिलों की सूची के लिए परिशिष्ट 1 देखें)। सरकार का कहना है कि पॉंच वर्ष के अन्दर यह योजना पूरे देश में विस्तारित कर दी जाएगी।
2.1 अधिनियम के उद्देश्य
यह अधिनियम उन ग्रामीण परिवारों के लिए है जो स्वेच्छा से अकुशल शारीरिक श्रम करना चाहते हैं। उन्हें प्रत्येक वित्त वर्ष में कम से कम 100 दिनों की मजदूरी की गारण्टी वाला रोजगार प्रदान करने की जिम्मेदारी सरकार ने ली है। ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन-यापन की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। सरकार को उम्मीद है कि इस रोजगार गारण्टी से उत्पादक परिसम्पतियों का निर्माण, पर्यावरण की सुरक्षा, ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण, गांवों से शहरों की ओर पलायन में कमी, सामाजिक समानता बढ़ाने जैसे अन्य उद˜देश्यों की प्राप्ति भी होगी।
2.2 अधिनियम का अनुप्रयोग
यह योजना देश के सबसे पिछड़े 200 जिलों में 2 फरवरी 2006 से आरम्भ की गई है (जिलों की सूची के लिए परिशिष्ट 1 देखें)। सरकार का कहना है कि पॉंच वर्ष के अन्दर यह योजना पूरे देश में विस्तारित कर दी जाएगी।
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