भू-माफिया सक्रिय, बहाव क्षेत्र में अवैध बस्तियाँ
आथुनिया बान्ध के डूँगरों से किशनबाग के मैदानी भाग में उतरी द्रव्यवती नदी के बहाव व कैचमेन्ट एरिया में नगर निगम ने स्वर्ण जयन्ती गार्डन से किशनबाग तक डामर की पक्की सड़क बनाकर कॉलोनियाँ बसाने वाले भूमाफिया की राह को और सड़क से ही अतिक्रमण करने वालों को और शह मिल गई। जिस किशनबाग के मैदान से नदी गुजरती थी अब वहाँ अवैध बस्तियाँ बस गई हैं। बे रोक टोक लगातार आगे बढ़ रही अवैध बस्तियों ने अब प्राचीन नदी के पाट को निगल लिया है।
हाईकोर्ट के निर्देश हवा
हाईकोर्ट का निर्देश मिलने के बाद जेडीए ने शहर के बीच निकली नदी पर बने मकानों पर तो बुलडोजर चलाया लेकिन इस अवैध बसावट पर आँख मूँद ली गई। नगर निगम, जेडीए, वन विभाग, जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने इस इलाके कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे में अतिक्रमण करने वाले भू-माफियाओं के कई गिरोह सक्रिय हो गए। नदी के पाट की करीब पन्द्रह फीट जगह छोड़ कर सारी जमीन पर भू-माफिया ने बस्तियों को आबाद कर दिया। जानकार लोगों ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश पर नाले से अतिक्रमण हटाने का कभी अभियान नहीं चला। एक साल में किशनबाग से मजार बान्ध तक सैकड़ों मकान बन गए। अतिक्रमण का यह सिलसिला आज भी चल रहा है। विद्युत निगम ने लाइनें बिछा दी और लोगों ने ट्यूबवैल खोदकर पानी बेचने का कारोबार शुरू कर दिया।
पहले आठ-दस घर ही थे
पाँच साल पहले तक किशनबाग के घने जंगल में पुराने समय से निवास कर रहे पशु पालक गुर्जरों के आठ दस मकान थे। पानी के लिये प्राचीन समय की कुई के अलावा नाहर सिंह भोमियाजी का स्थान बना है। - इशाक शेख
कब्जे का खेल जारी
नगर निगम ने सड़क बनाकर कब्जे कराने का खेल चला रखा है। - बाबू भाई मणियार
आथुनिया बान्ध के डूँगरों से किशनबाग के मैदानी भाग में उतरी द्रव्यवती नदी के बहाव व कैचमेन्ट एरिया में नगर निगम ने स्वर्ण जयन्ती गार्डन से किशनबाग तक डामर की पक्की सड़क बनाकर कॉलोनियाँ बसाने वाले भूमाफिया की राह को और सड़क से ही अतिक्रमण करने वालों को और शह मिल गई। जिस किशनबाग के मैदान से नदी गुजरती थी अब वहाँ अवैध बस्तियाँ बस गई हैं। बे रोक टोक लगातार आगे बढ़ रही अवैध बस्तियों ने अब प्राचीन नदी के पाट को निगल लिया है।
हाईकोर्ट के निर्देश हवा
हाईकोर्ट का निर्देश मिलने के बाद जेडीए ने शहर के बीच निकली नदी पर बने मकानों पर तो बुलडोजर चलाया लेकिन इस अवैध बसावट पर आँख मूँद ली गई। नगर निगम, जेडीए, वन विभाग, जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने इस इलाके कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे में अतिक्रमण करने वाले भू-माफियाओं के कई गिरोह सक्रिय हो गए। नदी के पाट की करीब पन्द्रह फीट जगह छोड़ कर सारी जमीन पर भू-माफिया ने बस्तियों को आबाद कर दिया। जानकार लोगों ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश पर नाले से अतिक्रमण हटाने का कभी अभियान नहीं चला। एक साल में किशनबाग से मजार बान्ध तक सैकड़ों मकान बन गए। अतिक्रमण का यह सिलसिला आज भी चल रहा है। विद्युत निगम ने लाइनें बिछा दी और लोगों ने ट्यूबवैल खोदकर पानी बेचने का कारोबार शुरू कर दिया।
पहले आठ-दस घर ही थे
पाँच साल पहले तक किशनबाग के घने जंगल में पुराने समय से निवास कर रहे पशु पालक गुर्जरों के आठ दस मकान थे। पानी के लिये प्राचीन समय की कुई के अलावा नाहर सिंह भोमियाजी का स्थान बना है। - इशाक शेख
कब्जे का खेल जारी
नगर निगम ने सड़क बनाकर कब्जे कराने का खेल चला रखा है। - बाबू भाई मणियार
Path Alias
/articles/naigama-nae-banaa-dai-daravayavatai-nadai-kae-baica-sadaka
Post By: Hindi