नीदरलैंड के एक्सपर्ट की मदद से जीवंत होगी मृतप्राय हो चुकी यमुना

Yamuna
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यमुना नदीयमुना की बदहाल स्थिति को सुधारने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। केंद्र में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही यमुना की बदहाली को दूर करने की कवायद चल रही है। दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग इस सिलसिले में कई बार मीटिंग कर चुके हैं। उपराज्यपाल यमुना नदी में जीवंत रूप को लौटाने को लेकर नीदरलैंड की सरकार के एक्सपर्ट की भी मदद ले रहे हैं। एलजी की अध्यक्षता में सोमवार को राजनिवास में यमुना नदी के कायाकल्प के लिए बने एकीकृत केंद्र की गवर्निंग बॉडी की बैठक आयोजित की गई। बैठक में तीन स्तरीय योजना के तहत काम करने के आदेश दिए गए हैं।

इस बीच देखा जाए तो भारतीय अंतरदेशीय जल मार्ग प्रधिकरण, नीदरलैंड सरकार से नदी अभियांत्रिकी, जल स्रोत प्रबंधन, उन्नत सीवर उपचार तकनीक से प्रदूषण नियंत्रण, इनलैंड वॉट ट्रांसपोर्ट, शिपिंग तथा नदी किनारों का विकास आदि के विकास के लिए विशेषज्ञों की सहायता ले रहा है। डच सरकार कई तरह से सहायता कर रही है। बैठक में केंद्र सरकार के शहरी विकास, पर्यावरण एवं वन व जल संसाधन मंत्रालय और केंद्रीय भूमि जल बोर्ड के अलावा दिल्ली के मुख्य सचिव, डीडीए वाइस चेयरमैन, जल बोर्ड सीईओ, पर्यावरण व लोक निर्माण विभाग के सचिव और दिल्ली मेट्रो के आला अफसर मौजूद थे। यमुना नदी के कायाकल्प को बना एकीकृत केंद्र (पुनरुद्धार और सौंदर्यकरण) दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा बनाया गया सेल है। गवर्निंग बॉडी में उपराज्यपाल अध्यक्षता तो मुख्य सचिव व डीडीए उपाध्यक्ष सह-अध्यक्ष हैं।

वहीं, जल बोर्ड सीईओ व पर्यावरण और सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के सचिव इस बॉडी में सदस्य के रूप में शामिल हैं। उपराज्यपाल ने कहा कि यमुना नदी का विकास दिल्ली सरकार के लिए अति प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा जल बोर्ड के सीवर अवजल शोधन संयंत्र 70 प्रतिशत अवजल प्रवाह की जांच करने में सक्षम हैं लेकिन अन्य स्रोतों जैसे नालों से उत्पन्न अवजल को भी यमुना में प्रवेश करने से रोका जाना चाहिए। उपराज्यपाल ने पर्यावरण सचिव को निर्देश दिए कि वह दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के साथ मिलकर यमुना नदी में प्रवाहित होने वाले अवजल विशेषकर उद्योगों से निकलने वाले गंदे पानी को रोकने को सुनिश्चित करें।

यमुना में पानी की मात्रा बढ़ाने की जरूरत पर चिंता व्यक्त की ताकि शहर के लोगों को पानी अधिक मात्रा में उपलब्ध हो सके। अधिकारियों ने बताया कि मानसून के दौरान भलस्वा और संजय झील की तलहटी को गहरा कर पानी को इकट्ठा करने में मदद मिल सकती है।

सीवर सिस्टम की क्षमता


1. इन पर किया जा रहा है काम
2. यमुना नदी की सफाई जल बोर्ड अवजल शोधन परियोजना के द्वारा।
3. डीडीए कर रहा है नदी के किनारों का विकास
4. जैव विविधता पार्क, हरित क्षेत्र तथा मनोरंजन केंद्र की स्थापना
5. दिल्ली के लिए जलापूर्ति में बढ़ावा देने पर फोकस
6. भवनों में जलसंचयक तथा अंतरराज्यीय समन्वय द्वारा पानी का बंटवारा

विकासात्मक गतिविधियों को सुरक्षित करने के लिए जरूरी


1. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के अंदर यमुना नदी का पुनरुद्धार।
2. दिल्ली के अंदर पानी की वृद्धि के लिए जलाशय बनाना।
3. बाढ़ संभावित क्षेत्रों का विकास।
4. उपरोक्त विषयों पर अंतरराज्यीय मुद्दों को सुलझाने के उपयुक्त स्तर।

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Post By: Shivendra
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