नीचन से ब्योहार बिसाहा, हँसि के मांगे दम्मा,
आलस नींद निगोड़ी घेरे, घघ्घा तीनि निकम्मा।
भावार्थ- जो लोग बुरे लोगों से मित्रता करते है, हँसकर अपना पैसा माँगते हैं और जिन्हें आलस्य या नींद हर समय घेरे रहती है, ये तीनों निकम्मे यानी बेकार होते हैं।
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