भारत इस समय सदी के सबसे भयावह जल संकट के दौर से गुजर रहा है। नीति आयोग ने देश की राजधानी सहित सभी महानगरों और कई बड़े शहरों में वर्ष 2020 तक भूमिगत जल पूरी तरह समाप्त होने की चेतावनी दी है। चेन्नई में तो भूजल 1 प्रतिशत से भी कम बचा है, जिस कारण वहां हाहाकार मचा हुआ है। पानी की यही स्थिति मैदानी क्षेत्रों से लेकर पर्वतीय राज्यों के कई इलाकों में भी है, जिससे न केवल इंसान प्रभावित है, बल्कि वन्यजीवों और औषधीय व पेड़ पौधों के अस्तित्व पर भी संकट मंडरा रहा है। पानी की कमी के कारण उद्योगो को नुकसान उठाना पड़ रहा है। जल संकट इसी समस्या को देखते हुए जलशक्ति मंत्रालय का भी गठन किया गया और अब सीएसआर बाॅक्स द्वारा कंपनियों के सीएसआर एजेंडा (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) में जल संरक्षण को शामिल करने तथा जल संरक्षण में कंपनियों की भागीदारी सुनिश्चित करने की ओर कदम बढ़ाया गया है। जिसके लिए भारत सीएसआर शिखर सम्मेलन में पानी के मुद्दे को केंद्र में रखा गया है।
एनजीओ बाॅक्स 23 और 24 सितंबर को नई दिल्ली स्थित होटल पुलमैन एंड नोवोटेल में दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा ‘‘भारत सीएसआर शिखर सम्मेलन और प्रदर्शनी’’ का आयोजन करने जा रहा है। यह 6वा शिखर सम्मेलन होगा, जिसमें इंडिया वाटर पोर्टल (हिंदी) नाॅलेज पार्टनर की भूमिका निभा रहा है। दो दिवसीय इस सम्मेलन में प्रदर्शनी, कार्यशालाओं, कीनोट्स, मास्टरक्लास, उत्पाद डेमो, असंबद्ध सत्रों और एसडीजी टाउन हॉल के विविध मिश्रण के साथ, शिखर सम्मेलन में व्यापार और सामाजिक प्रभाव क्षेत्रों में सभी के लिए साझा करने और सीखने के लिए बहुत कुछ है। उम्मीद जताई जा रही है की आयोजन में 1900 संगठनों से 60 घंटे से अधिक की बातचीत, चर्चा और सीखने के लिए 3200 प्रतिनिधियों की मेजबानी की जाएगी।
भारत सीएसआर शिखर सम्मेलन और प्रदर्शनी दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा सीएसआर, एसडीजी और सामाजिक प्रभाव मंच है। तालमेल और सह-समाधान के लिए शिखर सम्मेलन में व्यापारिक नेताओं, बोर्ड निदेशकों, सीएसआर फाउंडेशनों, निवेशकों, नवप्रवर्तनकर्ताओं, सरकारी एजेंसियों, संयुक्त राष्ट्र निकायों और गैर-लाभकारी नेताओं आदि को एक साथ लाया जाता है। इस कार्यक्रम में पहले से ही 380 से अधिक प्रदर्शकों, 4700 संगठनों और 8900़ पेशेवरों की भागीदारी देखी गई है। 2018 के शिखर सम्मेलन में यूनिसेफ इंडिया, एनएसडीसी, विप्रो-जीई हेल्थकेयर, डालमिया भारत, आईसीआरसी, गुडेरा और कई अन्य प्रभाव-केंद्रित संगठनों के साथ एक बेंचमार्क इवेंट था, जो इस आयोजन के सह-मेजबान के रूप में भागीदारी कर रहे थे। भारतीय व्यापार संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने की दिशा में तथा भारत को आगे बढ़ने में मदद करने के लिए पिछले पांच वर्षों में विकास परियोजनाओं पर 55 हजार करोड़ रुपये के करीब खर्च किए जा चुके हैं। इसलिए नई दिल्ली में होने वाला ‘‘भारत सीएसआर शिखर सम्मेलन’’ कई मायनों में सभी के लिए अधिक महत्वपूर्ण है।
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