तमाम तरह के प्रदूषण से जूझ रहे लोगों को अब शीघ्र ही शिकायत का मंच मिल जाएगा। नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल का बिल आ चुका है। और लोकसभा ने उसको पास भी कर दिया है। अब इसको कानून के बन जाने के बाद लोग प्रदूषण संबंधी शिकायतों के लिए इस ट्राइब्यूनल का दरवाजा खटखटा सकेंगे।
बजट सत्र के पहले चरण के अंतिम दिन इस ट्राइब्यूनल से संबंधित विधेयक पर चर्चा शुरू हो गई थी। इस विधेयक में जल, वायु, ध्वनि प्रदूषण के साथ ही वन कानूनों के उल्लंघन के सभी मामलों को लेकर जन सुनवाई का प्रावधान है। मसलन, प्रदूषण की वजह से यदि किसी क्षेत्र में पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, लोगों को बीमारियां हो रही हैं तो इसकी शिकायत भी ट्राइब्यूनल से की जा सकेगी। राज्यों को भी प्रदूषण नियंत्रण के मामले में जवाबदेह बनाया जा सकेगा। केंद्रीय पर्यावरण व वन मंत्रालय की योजना के अनुसार संसद से पारित होने के बाद अगले छह माह के भीतर यह ट्राइब्यूनल अस्तित्व में आ जाएगा। देशभर के विभिन्न कोर्टों में पर्यावरण व वन संबंधी दीवानी चल रहे सभी छह हजार मामलों की सुनवाई फिर यही ट्रिब्यूनल करेगा
मूल बिल के लिए संलग्नक देखें, सुविधा के लिए डाऊनलोड करें।
सभी मामलों को लेकर जन सुनवाई का प्रावधान
बजट सत्र के पहले चरण के अंतिम दिन इस ट्राइब्यूनल से संबंधित विधेयक पर चर्चा शुरू हो गई थी। इस विधेयक में जल, वायु, ध्वनि प्रदूषण के साथ ही वन कानूनों के उल्लंघन के सभी मामलों को लेकर जन सुनवाई का प्रावधान है। मसलन, प्रदूषण की वजह से यदि किसी क्षेत्र में पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, लोगों को बीमारियां हो रही हैं तो इसकी शिकायत भी ट्राइब्यूनल से की जा सकेगी। राज्यों को भी प्रदूषण नियंत्रण के मामले में जवाबदेह बनाया जा सकेगा। केंद्रीय पर्यावरण व वन मंत्रालय की योजना के अनुसार संसद से पारित होने के बाद अगले छह माह के भीतर यह ट्राइब्यूनल अस्तित्व में आ जाएगा। देशभर के विभिन्न कोर्टों में पर्यावरण व वन संबंधी दीवानी चल रहे सभी छह हजार मामलों की सुनवाई फिर यही ट्रिब्यूनल करेगा
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