हमारे जीवन में नदियों का बड़ा महत्त्व है। नदियों के किनारे रहने वाले लोग उनसे तरह-तरह के फायदे उठाते हैं।
मैदानों में नदी
तुम जानते होगे कि नदियाँ पहाड़ों से निकलती हैं। वहाँ नदी गहरी पथरीली घाटियों के बीच से बहुत तेज़ बहती है। लेकिन जब वह मैदान में उतरती है तो उसका स्वभाव बदल जाता है। वह चौड़ी हो जाती है और उसका बहाव भी धीमा हो जाता है। जो रेत और मिट्टी पानी के साथ बहती है वह किनारों पर जमा होती जाती है। इसमें पेड़ों के सड़े-गले पत्ते आदि मिले होते हैं। इस कारण नदी के किनारे की मिट्टी बहुत उपजाऊ होती है और इसमें फसल अच्छी होती है।
पाँच नदियों का प्रदेश
लोग नदी के पास बसना पसंद करते हैं। वहाँ साल भर पीने को पानी मिल जाता है, आने-जाने की सुविधा होती है और खेती भी अच्छी हो जाती है। एक नदी हो तो ठीक है। दो नदियाँ हो तो और अच्छा और ज्यादा लोग उस इलाके में बसते हैं। जहाँ से दो-दो नदियाँ बहती हैं उसे दोआब कहते हैं। दोआब यानी दो नदियाँ। अगर मान लो कहीं दो नहीं, तीन नहीं, पाँच-पाँच नदियाँ बहे तो क्या होगा? हाँ, पंजाब ऐसा एक प्रदेश है जहाँ पाँच नदियाँ बहती हैं। पाँच नदियों के बहने के कारण इसे पंजाब कहते हैं। ये पाँच नदियाँ हैं झेलम, चेनाब, रावी, व्यास और सतलज। आज से 53 साल पहले जब हमारे देश का बँटवारा हुआ तो पंजाब का एक हिस्सा भारत में रहा और एक हिस्सा पाकिस्तान में चला गया। भारत का जो हिस्सा है उसे पंजाब राज्य कहते हैं। हम यहाँ इसी राज्य के बारे में पढ़ेंगे।
इस नक्शे में पंजाब के बारे में कई महत्त्वपूर्ण बातें बताई गई हैं- वहाँ कौन-कौन सी फसलें होती है, वहाँ के लोग क्या करते हैं, वहाँ के कारखानों में क्या-क्या चीजें बनती हैं आदि।
जहाँ दूध की नदियाँ बहती हैं
पंजाब और उसका पड़ोसी राज्य हरियाणा अच्छी नस्ल की गाय व भैंस के लिये पूरे देश में प्रसिद्ध हैं। यहाँ की गाय व भैंस अच्छी, मोटी, तगड़ी होती हैं और खूब सारा दूध देती हैं। एक दिन में 10-12 लीटर दूध एक भैंस से मिलना, यहाँ के लिये आम बात है। दूध इतना गाढ़ा होता है कि उस से खूब सारी मलाई निकलती है जिस से मक्खन और घी भी खूब सारा बनता है।
कुछ दूध का तो घर पर उपयोग हो जाता है। दूध, घी, मक्खन, पनीर, लस्सी आदि का पंजाब के लोगों के भोजन में बहुत उपयोग होता है। घर के उपयोग के बाद भी इतना सारा दूध होता है कि वे इसे कारखानों को बेच देते हैं।
पंजाब के सारे शहरों में दूध के कारखाने हैं। इनमें दूध को ठंडा करके, पैकेट में बंद कर के दूर-दूर के इलाकों में भेजा जाता है। इनमें दूध से मक्खन, घी और पनीर भी तैयार किया जाता है। इन चीजों को पूरे देश में बेचा जाता है। दूध की मांग को देखते हुए यहाँ के किसान अधिक भैंस पालने लगे हैं।
तुम सोच रहे होगे कि पंजाब में ऐसी क्या खास बात है कि भैसें इतना सारा दूध देती हैं। पहला कारण यह है कि यहाँ दुधारू नस्ल की भैसें हैं। दूसरी बात यह है कि यहाँ चारागाहों की कमी होते हुए भी अच्छे चारे की कमी नहीं है। यहाँ खेतों में साल भर बरसीम जैसा हरा चारा होता है। धान का भूसा होता है, कपास होता है जिसके बीज की खली बहुत पौष्टिक होती है। चारे के लिये जानवरों को खेत या जंगल में चराना नहीं पड़ता है। बाड़े में ही दिनभर चारे पानी की व्यवस्था रहती है।
इन वाक्यों को पूरा करो :
1. पंजाब में गाय व भैंस को बरसीम, . . . . . . . . . . . . . की खली, गुड़, भूसा आदि खिलाया जाता है। जबकि हमारे यहाँ उन्हें . . . . . . . . . . . . . खिलाया जाता है।
2. पंजाब में गाय, भैंसों को . . . . . . . . . . . . . में ही चारा दिया जाता है जबकि हमारे यहाँ . . . . . . . . . . . . . में चराने ले जाते हैं।
3. पंजाब में गाय, भैंस रोज . . . . . . . . . . . . . लीटर दूध देती है। जबकि हमारे यहाँ गाय, भैंस रोज . . . . . . . . . . . . . लीटर दूध देती हैं।
अनाज के पहाड़
अगर तुम्हें अनाज के पहाड़ देखना हो तो पंजाब जाना होगा। वहाँ फसल कटने के बाद मंडियों में ट्रकों व ट्रैक्टर – ट्रॉलियों का तांता लगा रहता है। जहाँ देखो वहाँ अनाज़ के ढेर दिखेंगे एक-एक ढेर 10-12 फीट ऊँचा। इन्हें खरीदने के लिये देशभर से व्यापारी यहाँ आते हैं।
सिंचाई
पंजाब में इतनी अच्छी खेती होने के कई कारण हैं। पहला तो यह कि यह मैदानी इलाका है- यहाँ की मिट्टी बहुत उपजाऊ है। दूसरा यहाँ सिंचाई की पूरी सुविधा है। सतलज नदी पर एक बहुत बड़ा बाँध बना है। इस बाँध में सतलज नदी का पानी रोका जाता है। इस पानी को नहरों से गाँव-गाँव पहुँचाया जाता है।
इन नहरों में इतना पानी रहता है कि वह नदी जैसी लगती हैं। अक्सर लोग इनमें तैरते व नहाते हुए दिखेंगे। बाँध में बिजली भी बनाई जाती है जो तारों से गाँव-गाँव तक पहुँचती है। जहाँ जरूरत पड़े किसान बिजली से चलने वाली मोटर से पानी खींच सकते हैं। थ्रेशर जैसी मशीनों का उपयोग कर सकते हैं।
पंजाब में खेती करने के लिये नहर या कुओं से सिंचाई करना बहुत जरूरी है। यहाँ पर अपने प्रदेश की तुलना में बहुत कम बारिश होती है। बारिश के पानी से सिर्फ एक फसल ली जा सकती हैं। लेकिन सिंचाई के साधन होने से तीन फसल लेना सामान्य बात हो गई हैं। इसलिये यहाँ के किसान काफी खुशहाल हैं।
पंजाब में अच्छी खेती होने का सबसे बड़ा कारण है वहाँ के किसान। पंजाब के किसान अपनी मेहनत और सूझ-बूझ के लिये प्रसिद्ध हैं। वे खेती के नए-नए तरीकों को अपनाने में नहीं हिचकिचाते और लगातार प्रयोग करते रहते हैं। जब अपने देश में संकरबीज, रासायनिक खाद दवा, ट्रैक्टर आदि का चलन शुरू हुआ तो पंजाब के किसानों ने इन्हें तेजी से अपनाया।
1. नक्शे में देखो कौन-कौन सी फसलें अधिक होती हैं।
2. सतलज नदी के उत्तर में अधिक कपास होता है कि दक्षिण में?
3. गन्ना पंजाब के उत्तरी भाग में अधिक होता है कि दक्षिण में?
सिंचाई की मदद से पंजाब के किसान साल में एक ही खेत में दो या तीन फसलें उगाते हैं। यहाँ खेतों में साल भर इतना काम होता है कि दूसरे राज्यों से यहाँ मजदूर काम करने आते हैं।
नई खेती से नुकसान भी
इस तरह की खेती से नुकसान भी होता है। बहुत अधिक पानी देने के कारण मिट्टी खराब हो रही है। कहीं-कहीं मिट्टी में नमक जम जाता है और कही-कहीं दलदल बन जाता है। इस कारण जमीन अनुपजाऊ होती जा रही है। कीटनाशक दवा आदि का उपयोग अधिक होने के कारण जमीन की उपज घटती जा रही है। पीने के पानी, मछली, अनाज, सब्जी- आदि पर यह बुरा असर पड़ रहा है। इस का पशु-पक्षी व लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। अब पंजाब के किसान मिट्टी व पानी को खराब होने से बचाने के तरीके ढूंढ़ रहे हैं।
पंजाब के शहर
अमृतसर
पंजाब की सबसे जानी-मानी जगह है – अमृतसर शहर का स्वर्ण मंदिर। स्वर्ण मंदिर यानी सोने का मंदिर। एक सुंदर चौकोर सरोवर (तालाब) के बीच यहाँ सूरज की रोशनी में जगमगाता यह मंदिर बना है। इस मंदिर में कौन से भगवान हैं? इसमें कोई भगवान की मूर्ति नहीं बल्कि एक बड़ी पुस्तक रखी है। पुस्तक का नाम है- श्री गुरूग्रंथ साहिब। इस पुस्तक में बड़े-बड़े संतों की कही बातें लिखी हुई हैं। तुमने गुरूनानक, बाबाफरीद, कबीर, रैदास आदि संतों के नाम सुने होंगे। इनकी कही बातें इस ग्रंथ में हैं। सिक्ख लोग इस पुस्तक को बहुत मानते हैं। उनके लिये यह स्वर्ण मंदिर सबसे प्रमुख तीर्थस्थान हैं। वे यहाँ आकर इस सरोवर में नहाकर पवित्र ग्रंथसाहिब की परिक्रमा करके माथा टेकते हैं।
लुधियाना
पंजाब का सबसे बड़ा शहर है लुधियाना। यहाँ बड़े-बड़े कारखाने लगे हैं।
उनमें क्या-क्या चीजें बनती हैं नक्शा देखकर पता करो।
- पंजाब का एक और शहर है जहाँ खेल के सामान बनते हैं।
क्या तुम्हें पता है क्रिकेट का बल्ला और हॉकी आदि किस लकड़ी से बनाए जाते हैं। इन्हें बनाने के लिये हल्का लकड़ी की जरूरत होती है जो चीड़ के पेड़ से मिलती है। तुम्हें याद होगा चीड़ के पेड़ हिमालय के जंगलों में काफी होते हैं। हिमालय के लोग शिकायत करते हैं कि इन उद्योगों के कारण चीड़ के जंगल खत्म होते जा रहे हैं।
1. अगर तुम पंजाब जाओ तो इनमें से क्या-क्या चीजें मिलेगी - क्या नहीं?
पहाड़, ट्रैक्टर, सागोन के जंगल, धान के खेत, नहर, जहाज, शेर, साइकिल, नारियल के पेड़, भैंस, चट्टान, चीड़ के जंगल।
2. क्या तुम बता सकते हो अरुणाचल प्रदेश और पंजाब में क्या-क्या फर्क है?
तरह-तरह की सीमा
गुजरात व अरुणाचल प्रदेश की तरह पंजाब राज्य भी अपने देश की सीमा पर है। नक्शे में देख सकते हो कि पंजाब की पश्चिमी सीमा अलग तरह से बनाई गयी है। यह दो देशों के बीच की सीमा है। इसे अन्तरराष्ट्रीय सीमा कहते हैं यानी दो राष्ट्रों या देशों के बीच की सीमा।
पंजाब की पश्चिमी सीमा को पार करो तो तुम पाकिस्तान पहुँच जाओगे। लेकिन पंजाब की पूर्वी सीमा पार करो तो भारत के ही हरियाणा राज्य में पहुँचोगे।
यहाँ चार तरह की सीमाएँ दी गयी है- इनमें से अन्तरराष्ट्रीय सीमा को पहचानो।
/articles/nadaiyaon-kai-gaoda-maen-basaa-eka-raajaya-panjaaba