नदी के पानी से पटवन नहीं, बाढ़ से हर साल मचती है तबाही

नालंदा हिन्दुस्तान । 3 मई 2019

नालंदा लोकसभा क्षेत्र को सीमांकन की नजर से देखा जाए तो यह 39 किलोमीटर वर्ग क्षेत्र में फैला है। यहां सात विधानसभा क्षेत्र हैं। इस क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या पेयजल व पटवन की है। ज्यादा बारिश होने पर नदियां उफनाती हैं तो खेती चौपट हो जाती है। वहीं गर्मी में जलस्तर निचले स्तर पर जाने से शहर से लेकर गांव तक पेयजल संकट से लोगों को जूझना पड़ता है। टाल क्षेत्र की परियोजना धरातल पर नहीं उतरी है।

सिंचाई का प्रबंध नहीं होने के कारण टाल क्षेत्र के किसानों को एक ही फसल पर आश्रित रहना पड़ता है। सिर्फ दलहनी फसलों की खेती हो पाती है। यहां की नदियों में गाद भरा है। पानी आता है और सीधे चला जाता है। पटवन के लिए पानी रोकने का कोई साधन नहीं। इतना ही नहीं, अगर नदियां अधिक उफनती हैं तो बाढ़ का सामना करना पड़ता है। जमींदारी बांध बनने से कई इलाकों को बाढ़ से निजात मिली है। लेकिन, रहुई, हरनौत व बिहारशरीफ के कुछ इलाकों को अब भी हर साल बाढ़ से जूझने की मजबूरी बनी हुई है। हर साल दो से चार बार बाढ़ आती है।

नालंदा लोकसभा क्षेत्र की 10 प्रमुख समस्याएं, जिनका निराकरण जरूरी है- 

  1. पेयजल : पेयजल की समस्या गर्मी में विकराल हो जाती है। इसका समाधान करने की सार्थक पहल अब भी अधूरी है। .
  2. पटवन : नालंदा के किसानों को खेती के लिए बारिश पर ही निर्भर रहना पड़ता है। .
  3. टाल परियोजना : टाल क्षेत्र में सिंचाई का बेहतर प्रबंध नहीं होने से एक ही फसल हो पाती है। .
  4. महानगरों के लिए ट्रेनें नहीं : दिल्ली को छोड़ अन्य महानगरों के लिए सुपरफास्ट ट्रेन यहां से नहीं खुलती है। .
  5. जाम की समस्या : बिहारशरीफ हो या हाईवे, लोगों को जाम से हर रोज जाम से जूझना पड़ता है। एनएच 20 पर भी रोजाना भीषण जाम लगता है। .
  6. तकनीकी शिक्षण संस्थान : नालंदा में तकनीकी शिक्षण संस्थानों व देश स्तर का उच्चस्तरीय रिसर्च केंद्र नहीं है। .
  7. नदियों की सफाई नहीं : नदियां गाद से भरी हैं। हल्की बारिश में भी किसानों को बाढ़ का सामना करना पड़ता है। .
  8. उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवा की कमी : बड़े ऑपरेशन से लेकर उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है। आईसीयू की व्यवस्था तक सरकारी अस्पतालों में नहीं है। .
  9. रोजगार के साधन का अभाव: जिले में उद्योग नहीं लगाये गये हैं। जिससे कई युवा बेरोजगार हैं।.
  10. प्रदूषण : जिले में पर्यावरण प्रदूषण की समस्या गंभीर है। वन क्षेत्र महज डेढ़ फीसदी है। कचरा का निष्पादन सही तरीके से नहीं किया जाता है। .
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Post By: RuralWater
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