मुये चाम से चाम कटावैं


मुये चाम से चाम कटावैं, सकरी भुंइ मां सोवै।
घाघ कहैं ये तीनौ भकुवा, उढ़रि गये पर रोवै।।


शब्दार्थ- मुये-मरे हुए। चाम-चमड़ा। सकरी-कम जगह। भकुआ-बेवकूफ। ओढ़री-बहकाकर लाई गयी स्त्री।

भावार्थ- चमड़े के छोटे जूते पहनकर पैर कटवाने वाला, सकरी जमीन में सोने वाला, और भगा कर लाई गई स्त्री के भाग जाने पर विलाप करने वाला, ये तीनों ही मूर्ख होते हैं।

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Post By: tridmin
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