मुलायम के ड्रीम प्रोजेक्ट लायन सफारी पर अखिलेश के मंत्रियों की खास निगाह

लायन सफारी में 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और बाकी बचा मार्च में डेडलाइन तक पूरा हो जाएगा। फरवरी तक शेरों के चार जोड़े प्रजनन केंद्र में आ जाएंगे और 2015 समाप्ति पर आम जनता के दर्शन के लिए उपलब्ध होंगे। फरवरी में ब्रीडिंग सेंटर में चार जोड़ा नर मादा शेरों को रखा जाएगा। इनमें से एक जोड़ा कानपुर व तीन जोड़ा लखनऊ में पहुंच चुके हैं। इसके बाद उनसे होने वाले शावकों को निर्धारित आयु पूरी करने के बाद कोर एरिया में पर्यटकों के लिए दर्शन छोड़ दिया जाएगा। समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट लायन सफारी को समय से पूरा कराने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार हर संभव जतन करने की दिशा में सक्रिय नजर आ रही है इसी कारण आए दिन राज्य सरकार का कोई ना कोई अधिकारी और विभागीय मंत्री लायन सफारी में होने वाले निर्माण की प्रगति को देखने के लिए आता ही रहता है। उत्तर प्रदेश के वन एवं जन्तु मंत्री डा. शिवप्रसाद यादव की सक्रियता विशेषकर देखी जा रही है।

डा. यादव ने अपने इटावा भ्रमण के दौरान बातचीत में कहा कि इटावा की लायन सफारी देश में एक मील का पत्थर साबित होगी। इसके तैयार हो जाने से पर्यावरण के साथ-साथ वन्य जीवों का सरंक्षण केन्द्र होगा तथा जनपद को पर्यटक स्थल के नाम से भी जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है वन क्षेत्रों को अधिक से अधिक विकसित किया जाए।

इससे पूर्व शिवप्रसाद यादव ने लायन सफारी में चल रहे निर्माण कार्यों का भी अवलोकन किया। जिसमें कार्य की गुणवत्ता व मानक को भी परखा। संबंधितों को तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि लायन सफारी हेतु 45 करोड़ 65 लाख की धनराशि स्वीकृत हो चुकी है। जो वर्षवार निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप व्यय की सपा सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट लॉयन सफारी पर सबकी निगाहें टिकी हैं। लॉयन सफारी निरीक्षण करने आए मंत्री शिवप्रसाद यादव को यहां सब कुछ ठीक ठाक मिला। यहां बन रहे आवासों की गुणवत्ता भी उन्हें संतोषजनक लगी। जंतु एवं उद्यान मंत्री शिवप्रसाद यादव ने अधिकारियों सहित लायन सफारी का निरीक्षण किया और यहां चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लिया। लायन सफारी की साइट पर पहुंच कर सबसे पहले यहां बन रहे टाइप टू आवासों को देखा और इनकी संख्या व गुणवत्ता संबंधित जानकारी ली।

लायन सफारीउन्होंने स्वयं इन अर्धनिर्मित आवासों के अंदर जाकर जांच की। यहां से निकल कर वे पिकनिक स्पॉट पहुंचे जहां पर अधिकारियों ने उन्हें सफारी की बाउंड्री वॉल, कोर जोन, बफर जोन और सड़क का नमूना दिखाकर समेकित परिदृश्य खींचा। उन्होंने कहा कि पिकनिक स्पॉट वाली जगह को कच्चा ही रखा जाए। इसके बाद वे ब्रीडिंग सेंटर अर्थात प्रजनन केंद्र के निर्माण स्थल पर गए जहां पर उन्होंने प्रजनन हेतु रखे जाने वाले शेरों के रखरखाव और सुविधा की जानकारी ली। सफारी में रहने वाले शेरों के बीमार या घायल होने पर उनके इलाज के लिए बनाए जा रहे अस्पताल में चल रहे निर्माण कार्यों व भविष्य में उपलब्ध होने वाली सेवाओं की विस्तृत जानकारी ली। उन्हें बताया गया कि इस अस्पताल में किचन, स्टोर, डॉक्टर व कंपाउंडर कक्ष, पैथलॉजी लैब व आपरेशन थिएटर बनाए जा रहे हैं। यहां से वे सुमेर सिंह किला के लिए निकले तो रास्ते में फिशर वन में हुए पौधरोपण का भी निरीक्षण करने गए। उन्होंने बताया कि काम तेजी से चल रहा है।

आवासीय परिसर की गुणवत्ता अच्छी है और जो अधिकारी-कर्मचारी यहां निवास करेंगे उन्हें यह नहीं लगेगा कि वे जंगल में रह रहे हैं। जनवरी के अंत में या फरवरी की शुरुआत में प्रजनन केंद्रों में शेर रखे जाएंगे। एशियाटिक शेरों का एक जोड़ा कानपुर से और तीन जोड़ा लखनऊ से लाए जाएंगे। इससे पहले यहां तैयारियाँ पूरी कर ली जाएंगी। उनका कहना था कि यह एशिया ही नहीं विश्व स्तर की सुविधाएं मौजूद रहेंगी और इसके लिए उन्होंने कई देशों जैसे अफ्रीका, इंग्लैण्ड व सिंगापुर आदि की सफारियों का भी भ्रमण किया है। आने वाले समय में गेंडा, भालू, हिरन आदि को भी इस सफारी में लाने की योजना है।

लायन सफारी में 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और बाकी बचा मार्च में डेडलाइन तक पूरा हो जाएगा। फरवरी तक शेरों के चार जोड़े प्रजनन केंद्र में आ जाएंगे और 2015 समाप्ति पर आम जनता के दर्शन के लिए उपलब्ध होंगे। फरवरी में ब्रीडिंग सेंटर में चार जोड़ा नर मादा शेरों को रखा जाएगा। इनमें से एक जोड़ा कानपुर व तीन जोड़ा लखनऊ में पहुंच चुके हैं। इसके बाद उनसे होने वाले शावकों को निर्धारित आयु पूरी करने के बाद कोर एरिया में पर्यटकों के लिए दर्शन छोड़ दिया जाएगा। इस हिसाब से दिसंबर 2015 के बाद ही दर्शकों को शेर देखने को मिलेंगे। देश में केवल 400 एशियाटिक शेर बचे हैं।

शिवप्रताप सिंहइस सफारी का उद्देश्य पर्यटकों को लुभाने के साथ-साथ इन विलुप्त होते शेरों का संरक्षण करना भी है। इस सफारी में दूसरे वन्य जीव जैसे भालू, गेंडा, हिरन आदि भी लाए जाएंगे, हालांकि यह भविष्य की योजना है फिलहाल हमारा ध्यान शेरों के प्रजनन व उनके लिए अनुकूल इन्फ्रास्ट्रक्चर समय से तैयार करना है। खर्च का ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए उन्होंने बताया कि आवास विकास व वन विभाग का इस प्रोजेक्ट में कुल 4565.11 लाख का बजट है। एक्सटेंशन होने की दशा में इसको बढ़ाया भी जा सकता है। उन्होंने बताया कि यहां एक इंटरप्रेटेशन सेंटर कम लाइब्रेरी की भी स्थापना की जाएगी जहां सफारी में मौजूद वन्य जीवों से संबंधित जानकारी पर्यटकों को मुहैया कराई जाएगी। इसके साथ ही यहां की सड़कें सीसी व पार्किंग की व्यवस्था के साथ जैव तकनीक वाले शौचालय बनाए जाएंगे। सफारी परिसर में टाइप 4 के 3, टाइप 3 के 2, टाइप 2 के 11 व टाइप 1 के 11 आवास बनाए जा रहे हैं। पिछली सरकार में भ्रष्टाचार था इसीलिए मायावती के ड्रीम प्रोजेक्ट लखनऊ में पत्थर अभी से उखड़ने लगे हैं। आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मंशानुरूप काम हो रहा है। शिवप्रसाद यादव ने कहा कि प्रदेश में वन्य जीव व जैव विविधता के लिए सतत कार्य किए जा रहे हैं।

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