मर्द निकौनी बरदै दायें।
दँवरी चलने में दुख पायें।।
शब्दार्थ- दँवरी-मड़ाई।
भावार्थ- मर्द को निराई करने में और बैल को हल में दाहिने जुताई करने में अथवाँ दँवरी चलने में दुःख होता है।
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