मॉन्सेंटो: बढ़ता वैश्विक विरोध

कोर्डोबा के अलावा अर्जेंटीना के 11 अन्य शहरों में मॉन्सेंटो के खिलाफ प्रदर्शन हुए। इसके अलावा चिली, ब्राजील, उरुग्वे, वेनेजुएला पेरू में विरोध प्रदर्शन हुए। वहीं मालविन्स अर्जेंटीना की विधायक बार बोजा बाका का कहना है “हम सिर्फ मॉन्सेंटो को ना नहीं कह रहे हैं, बल्कि ऐसी सभी कंपनियों को ना कह रहे हैं, जो लोगों के स्वास्थ्य व जीवन की कीमत पर लाभ कमाना चाहती हैं। हम खाद्य सार्वभौमिकता, पर्यावरण की सुरक्षा और लोगों के लिए स्वास्थ्यकर भोजन के हामी है।’’

अर्जेंटीना के दर्जन भर शहरों में लोग बहुराष्ट्रीय कंपनी मान्सेंटों के खिलाफ प्रदर्शन हेतु इकट्ठा हुए। कोर्डोबा जहां यह मॉन्सेंटो लेटिन अमेरिका का अपना सबसे बड़ा संयंत्र लगा रही है, वहां भारी विरोध के बाद लोगों ने कंपनी को नकार दिया। मोन्सेंटों जो कि एक महत्वपूर्ण कृषि व्यापार निगम है, के खिलाफ विश्व के 36 देशों के 300 शहरों में प्रदर्शन हुए और लोगों ने कीटनाशकों एवं संवर्धित बीजों पर आधारित इसके औद्योगिक कृषि मॉडल को धिक्कारा! अर्जेंटीना में ये कोर्डोबा के अलावा मॉन्सेंटो रियो क्युआर्टों में अपना प्रयोग क्षेत्र बना रही है।

मॉन्सेंटों पिछले 112 वर्षों से कार्यरत है और इसका मुख्यालय अमेरिका में है। इसका लेनदेन 7.3 अरब अमेरिकी डॉलर का है और विश्वभर के बीज बाजारों (जीनांतरित एवं पारंपरिक) में इसकी हिस्सेदारी 27 प्रतिशत है। पिछले 25 वर्षों से कृषि बाजार का अध्ययन कर रही सिल्विया रिबैरो का कहना है, “जीनांतरित बीजों के विश्व बाजार में मॉन्सेंटों की हिस्सेदारी 86 प्रतिशत है। यह कंपनी इस ग्रह पर दो सबसे बड़े औद्योगिक एकाधिकार से संबंध रखती है। फिर बात चाहे कृषि के इतिहास की हो या औद्योगिकीकरण की।’’ सन् 2011 में प्रारंभ हुए इस अंतरराष्ट्रीय अभियान का शीर्षक है, “मॉन्सेंटों के खिलाफ करोड़ों’’ इसकी वजह से सभी महाद्वीपों के 36 देशों के 298 शहरों में कार्यकर्ता लामबंद हुए हैं। इस विरोध में कहा गया है, “हम इस महाकाय जैव तकनीक कंपनी मॉन्सेंटों के खिलाफ अपनी आवाज़ ऊंची कर रहे हैं। हम प्रकृति, किसानों और उपभोक्ताओं के साथ हो रही अतियों का विरोध करते हैं। जहां एक ओर इससे जैविक और छोटे किसानों को हानि उठानी पड़ रही है वहीं दूसरी ओर मॉन्सेंटो का खाद्य आपूर्ति और बीजों पर पेंटेट के माध्यम से एकाधिकार जारी है।

“रियो क्वार्टों कृषि जहर मुक्त संगठन’’ का कहना है कि मॉन्सेंटो का जीनांतरित बीजों के बाजार पर नियंत्रण है, यह करोड़ों टन जहर के प्रयोग को बढ़ावा देता है, यह पर्यावरण व खाद्य सार्वभौमिकता का विध्वंस कर रहा है तथा लाखों लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा है।’’ राजधानी में विरोध प्रदर्शन करते हुए लोगों ने मांग की है कि ग्रामीण एवं शहरी बेदखली को रोका जाए, कृषि रसायनों के छिड़काव पर रोक लगे और ऐसे मॉडल की वकालत की गई जो कि खाद्य सार्वभौमिकता का सम्मान करता हो। इसी के साथ मॉन्सेंटो मालविन्स अर्जेंटीना छोड़ो भी जोर-शोर से गूंजा। मालविन्स विधानसभा की वेनिना बारबोझा वाका का कहना है कि शहर धुएँ की चपेट में है और यहां पर पर बार-बार गर्भपात होने, पैदाईशी अपंगता, कैंसर एवं सांस की बीमारियाँ फैल रही हैं। उनका कहना है कि हम मान्सेंटों जैसे मॉडलों की बुराइयां भी जानते हैं। हम यह भी जानते हैं कि ये झूठे वादे करते हैं। अतः हमने अपने पड़ोस में इन्हें जीनांतरित बीजों को कृषि जहरों से उपचारित करने की अनुमति नहीं दी। जून, सन् 2012 में अर्जेंटीना की सरकार ने मॉन्सेंटो के कोर्डोबा में आने की सूचना में आने की सूचना दी थी। उसी वर्ष अगस्त में कृषि मंत्रालय ने मॉन्सेंटो के अधिकारियों के साथ मिलकर सोयाबीन की नई किस्म (आरआर 2 इंटेक्स) जारी की थी। वैसे करीब एक दशक पूर्व कोर्डोबा में “नेबरहुड़ असेंबली मालविन्स स्ट्रगल फॉर लाईफ’’ का गठन हुआ था, जो कि औद्योगिक कृषि और बड़े पैमाने पर खनन का विरोध करती है। पिछले वर्ष अनेक संस्थाओं द्वारा किए गए सर्वेक्षण से यह सामने आया कि यहां के 58 प्रतिशत निवासी इस बहुराष्ट्रीय कंपनी की अपने राज्य में स्थापना का विरोध करते हैं।

इन आंकड़ों के विश्लेषण से यह भी सामने आया कि बहुत से लोगों ने भय के कारण भी मॉन्सेंटो के पक्ष में मतदान किया था। गौरतलब है मॉन्सेंटो ने अपना पहला संयंत्र सन् 1956 में झरोट नगर में खोला था। इसके बाद सन् 1978 में पेरगोमिनो एवं 1994 में राजोस (दोनों ब्यूनस आर्यस प्रांत में) खोले थे। गत वर्ष उसने घोषणा की कि वह मालविन्स अर्जेंटीना में जीनांतरित मक्का बीज संयंत्र खोलेगा। सन् 1996 में अर्जेंटीना सरकार ने ग्लायफोसेट युक्त जीएम सोयाबीन के उत्पादन की अनुमति दे दी थी। लेकिन सरकार ने इसकी सुरक्षा को लेकर स्वयं अपने कोई अध्ययन नहीं किए थे। सन् 1996 में अर्जेंटीना में कुल सोयाबीन उत्पादन क्षेत्र 66 लाख हेक्टेयर था जो कि सन् 2011 में बढ़कर 1.98 करोड़ हेक्टेयर यानि देश की कुल उपजाऊ भूमि का 56 प्रतिशत पर पहुंच गया था।

कोर्डोबा के अलावा अर्जेंटीना के 11 अन्य शहरों में मॉन्सेंटो के खिलाफ प्रदर्शन हुए। इसके अलावा चिली, ब्राजील, उरुग्वे, वेनेजुएला पेरू में विरोध प्रदर्शन हुए। वहीं मालविन्स अर्जेंटीना की विधायक बार बोजा बाका का कहना है “हम सिर्फ मॉन्सेंटो को ना नहीं कह रहे हैं, बल्कि ऐसी सभी कंपनियों को ना कह रहे हैं, जो लोगों के स्वास्थ्य व जीवन की कीमत पर लाभ कमाना चाहती हैं। हम खाद्य सार्वभौमिकता, पर्यावरण की सुरक्षा और लोगों के लिए स्वास्थ्यकर भोजन के हामी है।’’

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