मनरेगा में कार्यक्रम कार्यकर्त्ता, निरंतर तथा समवर्ती मूल्यांकन और बाह्य एवं आंतरिक लेखा के माध्यम से अपने कार्य के प्रति ज़वाबदेह होंगे। सामाजिक लेखा परीक्षण की शक्ति ग्रामसभा में निहित होगी और ग्रामसभा द्वारा ग्राम स्तरीय निगरानी समिति का गठन किया जाएगा जो सभी कार्यों की देखरेख करेगा। अधिनियम के उल्लंघन की स्थिति में दोषी व्यक्ति को 1 हज़ार रुपये तक ज़ुर्माना हो सकेगा। इसके अलावे, प्रत्येक जिले में एक शिकायत निपटान तंत्र भी स्थापित की जाएगी।
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