मणिपुर राज्य में भूमिजल की रासायनिक गुणवत्ता

मणिपुर राज्य के भूमिजल का रासायनिक विश्लेषण परिणाम यह प्रदर्शित करते हैं कि भूजल में कैल्शियम और मैगनीशियम मुख्य धनायन हैं केवल थूबल जिले में सोडियम व पोटेशियम धनावेश पाये गए हैं। जैसे-जैसे हम घाटी की तरफ बढ़ते हैं कैल्शियम व मैगनीशियम आयनों की अघुलनशीलता बढ़ जाती है और इनकी मात्रा घटने लगती है। इससे सोडियम व पोटेशियम धनावेश अधिक होने लगते हैं। ऋणावेश मुख्यतः बाइकार्बोनेट एवं सल्फेट हैं लेकिन थूबल जिले में क्लोराइड मुख्य ऋणावेश है।

सूक्ष्म तत्वों की सघनता उत्तर से दक्षिण की तरफ चलने पर बढ़ती है। घाटी में लैड, लीथियम, जिंक आदि बहुतायत से थूबल जिले में पाये जाते हैं। कुछ स्थानों को छोड़कर जहां पर लैड, आइरन, लीथियम तथा चालकता अधिक पाई गई है। साधारणतः राज्य का भूमिजल पीने एवं कृषि कार्य हेतु उपयुक्त है।

देश की अधिकांश आबादी भूमिजल को पीने एवं कृषि के लिए सदियों से प्रयोग करती चली आ रही है। विभिन्न प्राकृतिक परिवर्तनों से भूमिजल में उपयोगी तथा अनुपयोगी आयन घुलमिल जाते हैं। यह आवेश विभिन्न जैविक एवं घरेलू क्रियाओं में सीधे या परोक्ष रूप से विपरीत प्रभाव डालते हैं, इसलिए इन आवेशों की उपस्थिति एवं मात्रा जानना नितान्त आवश्यक है।

मणिपुर राज्य भूगर्भ संरचना के अनुसार मुख्यतः जयंतिया और दिसांग प्रारूप से घिरा है और इसमें कोमाइट, कापर, लोहा, निकिल, चूना आदि के अयस्क मिलते हैं। राज्य की भूमिजल का रासायनिक विश्लेषण करने पर इसमें क्लोराइड 8946 मिग्रा./ली. सोडियम 6600 मिग्रा./ली., लोहा 11 मिग्रा./ली., चालकता 27900 मा.सी./सेमी., क्रोमियम 30 मि.ग्रा./ली., मैंगनीज 970 मि.ग्रा./ली. कापर 40 मि.ग्रा./ली., लीथियम 3150 मि.ग्रा./ली., रूबिडियम 130 मि.ग्रा./ली., लेड 270 मि.ग्रा./ली. तक कुछ स्थानों पर पाया गया जो कि विभिन्न अनुमोदित मापदण्डों से अधिक है।

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