शैक्षिक संस्थाओं, अनुसंधान संगठनों तथा मीडिया निर्माण ग्रहों के लिए अनुसंधान आधारित मानवविज्ञानी एवं सांस्कृतिक अध्ययन करने के लिए कुशल सामाजिक एवं सांस्कृतिक संदर्भ में तल्लीनता लाने, सामाजिक तथा सांस्कृतिक दूरियों को समाप्त करने, मनोवैज्ञानिक बाधाओं को दूर करने की क्षमता लाने तथा सूक्ष्म आचरण के तत्काल अनुपालन की एक वैज्ञानिक सोच आवश्यक होती है।
मीडिया मानवविज्ञान सामाजिक तथा सांस्कृतिक मानव विज्ञान के अंतर्गत अध्ययन का एक क्षेत्र है और आज के परिवेश में मास मीडिया के सामाजिक तथा सांस्कृतिक पहलुओं से संबद्ध मीडिया एवं सांस्कृतिक अध्ययन का भाग है। मीडिया मानवविज्ञान दृश्य मानवविज्ञान, फिल्म तथा निष्पादन अध्ययनों एवं विकास संचार में स्थान ले रहे दृष्टिकोण एवं प्रैक्टिस द्वारा प्रेरित अध्ययन की एक अंतर-विषयीय विधा हैं। मीडिया मानव विज्ञान सामान्यतः एक सामाजिक-मानव विज्ञान परिप्रेक्ष्य में मीडिया अध्ययन को समझने के लिए उपकरणों (सिद्धान्तों, संकल्पनाओं, पद्धतियों, दृष्टिकोणों, साधनों और तकनीकों) के अनुप्रयोग को निरूपित करता है। समाजविज्ञानी और मानवविज्ञानी मीडिया मानव विज्ञान को सामान्यतः मानव विज्ञान के विभिन्न शैक्षिक तथा अनुप्रयुक्त पहलुओं एवं मीडिया की बहुलता के बीच संबंध को समझने की एक कड़ी मानते हैं:संभावना एवं कार्य-क्षेत्र
जहां तक इस विषय के विकास तथा संभावना का संबंध है, मीडिया मानव विज्ञान मास मीडिया के व्यापक क्षेत्र के अंतर्गत स्थान तलाशते हुए आधुनिक समाजों एवं उनकी संस्कृति से विकसित हुआ है। संचार अध्ययन में मीडिया मानव विज्ञान का अध्ययन इन दिनों पर्याप्त ध्यान आकर्षित कर रहा है क्योंकि यह मीडिया प्रैक्टिसनर्स को दैनिक जीवन में वास्तविकता की प्रतीकात्मक व्याख्या तथा प्रतीकात्मक संरचना, पौराणिक तथा धर्म-विधि के मूल भूत महत्व के साथ अधिक सम्पूर्ण विनियोजन के लिए तैयार करता है ।
मीडिया मानवविज्ञान एक बहुविषयीय अध्ययन क्षेत्र है, जिसमें संचार मानवविज्ञान, मनोविज्ञान, सामाजिकी और दर्शन-शास्त्र क्षेत्रों के स्नातकों के लिए व्यापक संभावना है ।
एक व्यवसाय के रूप में मीडिया मानव विज्ञान छात्रों को करियर बनाने की दो मुख्य शाखाएं/ क्षेत्र उपलब्ध कराता है:
I. अनुसंधान शाखा:
यह शाखा मुख्य रूप से मीडिया सूचना, प्रौद्योगिकी, माध्यमों, व्यवसायियों, श्रोताओं तथा नियंत्रण की मीडिया संरचना, कार्य, प्रोसेस, प्रभाव आदि से जुड़े अध्ययन से संबंधित है ।
II. अनुप्रयुक्त शाखा:
यह शाखा व्यापक स्वीकार्य शैलियों एवं रूपों में मीडिया चैनलों के माध्यम से संचार एवं मानव विज्ञानीय सूचना और सूक्ष्म दृष्टि से संबंधित है। यह शाखा ऐसी सूचना जो अधिक विवरण के साथ नहीं, बल्कि व्यापक परिप्रेक्ष्य के साथ शैक्षिक रिक्तता को पूरा करने में सहायता कर सकती है, को एकत्र एवं प्रस्तुत करने की वैकल्पिक पद्धत्ति का सृजन करने के लिए 5 डब्ल्यू-हू (कौन), व्हाट (क्या), व्हेन (कब), व्हेयर (कहां) और पैरा हाउ (कैसे) की परम्परागत सूची में छठे ‘डब्ल्यू’-‘होल’ (सम्पूर्ण) को शामिल करने के लिए पत्रकारिता व्यवसाय को प्रेरित करके विभिन्न मीडिया में मानव विज्ञान को प्रोत्साहन देने के लिए छात्रों को एक अवसर भी प्रदान करता है ।
संचार एक ऐसा महत्वपूर्ण साधन है जिसका उपयोग मानव विज्ञानों, किसी राष्ट्र के सामाजिक तथा सांस्कृतिक जीवन के प्रत्येक पहलू पर बल देकर सामाजिक तथा सांस्कृतिक माहौल को समझने के लिए करते हैं। सामाजिक एवं सांस्कृतिक मानव विज्ञान में संचार का उपयोग समाज में सामाजिक तथा सांस्कृतिक विकास की प्रक्रिया को व्यापक रूप में प्रभावित करने वाली विशिष्ट सामाजिक तथा सांस्कृतिक संरचनाओं और संस्थाओं की प्रकृति तथा स्थिति का अध्ययन एवं मूल्यांकन करने के लिए व्यक्तियों को शिक्षा और प्रशिक्षण देने के लिए किया जाता है, यह दृष्टिकोण संस्थाओं, कार्य-स्थलों के रूप में, संचारात्मक प्रक्रिया के रूप में, सांस्कृतिक उत्पादों के रूप में, सामाजिक गतिविधियों के रूप में, सौंदर्यपूरक रूप में ऐतिहासिक विकास के रूप में तथा अन्य ऐसे रूपों में मीडिया एवं सांस्कृतिक प्रक्रियाओं को समझने के लिए है। ये अध्ययन मुख्य रूप से मीडिया संस्थाओं/चैनलों और समसामयिक राष्ट्र-निर्माण की समस्या के सामाजिक - सांस्कृतिक आधार की पद्धत्तियों के बीच संबंध को समझने से संबंधित होते हैं ।
मीडिया मानव विज्ञान की संभावना व्यापक है। यह सामाजिक विज्ञान तथा मानविकी (सामाजिक-सांस्कृतिक मानव विज्ञान को अच्छी समझ सहित) और संचार की पृष्ठभूमि रखने वाले संचार छात्रों को यह अध्ययन करने का शानदार अवसर देता है कि परवर्ती समाजों में मीडिया संस्थाएं, सांस्कृतिक आधुनिकीकरण को कारगर बनाने के लिए संचार कार्यों एवं साधनों का श्रेष्ठ प्रबंध कैसे कर सकती है ।
सामाजिक, सांस्कृतिक तथा संचार प्रक्रिया के बीच एक विशिष्ट अंतरंग संबंध है। मीडिया मानव विज्ञान संचार छात्रों एवं सांस्कृतिक विज्ञानियों को उन तरीकों का अध्ययन करने की एक नई मानव जाति वर्णन जानकार, ऐतिहासिक रूप से प्रमाणित एवं संदर्भ-सूक्ष्म सोच प्रदान करती है कि जिनका व्यक्ति मीडिया प्रौद्योगिकी का उपयोग एवं अनुभव करते हैं। इस विषय में मीडिया उपयोग, निर्माण तथा परिचालन की सामाजिक तथा सांस्कृतिक प्रक्रियाओं की गतिशीलता का पता लगाने की व्यापक संभावना हैं ।
इस तरह हम मीडिया मानवविज्ञान को मास मीडिया एवं संस्कृति के बीच संबंध स्थापित करने वाले सामाजिक विज्ञान तथा मानविकी के व्यापक विषयों में एक क्षेत्र के रूप में देख सकते हैं। इसके अध्ययन का मुख्य बल इस बारे में होता है कि संस्कृति किस तरह मास मीडिया और मीडिया प्रोसेस या प्रणाली के माध्यम से संचरित होती है, तथा जिसके द्वारा समाज आकृति लेता है। मानवविज्ञान सामाजिक विज्ञान है जिसमें संस्कृति का अध्ययन किया जाता है, जबकि मीडिया मानवविज्ञान एक ऐसा विशिष्ट क्षेत्र है जो उस सम्पूर्ण प्रक्रिया में संबंधित है जिसके द्वारा संस्कृति मास मीडिया के माध्यम से मनुष्य को संघटित करती है ।
कार्य-प्रकृति:
संचार/मीडिया अध्ययन में डिग्री या डिप्लोमा के साथ सामाजिक एवं सांस्कृतिक मानव विज्ञान की व्यापक समझ आपको, मीडिया एवं सांस्कृतिक प्रैक्टिस के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करने के लिए विविध संचार कार्यों का अवसर दे सकता है। एक मीडिया मानव विज्ञानी के रूप में कोई भी व्यक्ति यह अध्ययन करने के लिए कि अपनी संस्कृति का प्रचार करने के लिए और एक विशिष्ट पहचान बनाने के लिए विभिन्न सामाजिक एवं सांस्कृतिक वर्गों के व्यक्ति मीडिया का किस तरह उपयोग करते हैं, विभिन्न मीडिया संस्थाओं, निर्माण ग्रहों तथा सांस्कृतिक एजेंसियों के लिए कार्य कर सकता है ।
एक मीडिया मानवविज्ञानी के रूप में कोई भी व्यक्ति सांस्कृतिक मानव विज्ञानी पद्धतियों के नियोजन एवं मीडिया संस्कृति की व्याख्या की संकल्पना के लिए विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थाओं तथा संगठनों में भी कार्य कर सकता है। मीडिया मानवविज्ञानी मीडिया विषय या मीडिया उपयोग पर मास मीडिया चैनलों (समाचार पत्रों/पत्रिकाओं, रेडियो, दूरदर्शन, फिल्म और इंटरनेट के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए विभिन्न मीडिया संगठनों के लिए अध्ययन कार्य भी कर सकते हैं।)
उन प्रक्रियाओं का अध्ययन करने के लिए भी कोई व्यापक संभावनाएं तलाश कर सकता है, जिनके माध्यम से सांस्कृतिक उत्पाद सांस्थानिक रूप में सृजित किए जाते हैं और मास मीडिया उद्योग वितरित किए जाते हैं। मीडिया संगठन यह जानने में भी अत्यधिक रुचि रखते हैं कि लेखों, समाचार घटनाओं, डॉक्यूमेंटरी, सोप ओपेरा, फिल्मों, ब्लॉग्स, वेबसाइट, विज्ञापनों के रूप में सामाजिक तथा सांस्कृतिक संदेश किस तरह उपयोग में लाए जाते हैं और विभिन्न प्रकार के श्रोताओं द्वारा सार्थक रूप में उपयोग में लाए जाते हैं। मीडिया विषय वस्तु का विश्लेषण एक ऐसा क्षेत्र है जहां प्रतिदिन युवा मीडिया मानव विज्ञानियों के लिए अनेक अवसर उपलब्ध हो रहे हैं ।
अध्ययन कहां करें और पात्रता
इस समय कईं भारतीय विश्वविद्यालयों के संचार विभाग स्नातकोत्तर स्तर पर अपने एक वैकल्पिक विषय के रूप मं् मीडिया तथा सांस्कृतिक अध्ययन पाठ्यक्रम चला रहे हैं। पत्रकारिता तथा जन-संचार में प्रशिक्षित तथा मानवविज्ञान, सामाजिकी या मनोविज्ञान में डिग्रीधारी व्यक्ति मीडिया मानवविज्ञान के क्षेत्र में कार्य तलाश सकता है। टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (टी.आई.एस. एस.), मुबंई का मीडिया एवं सांस्कृतिक अध्ययन केन्द्र मीडिया एवं सांस्कृतिक अध्ययन में मास्टर कार्यक्रम चलाता है, जबकि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जे.एन.यू) का कला एवं सौंदर्य विद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली का अनवर जमाल किदवई जन संचार अनुसंधान केन्द्र (ए.जे.के.-एम.सी.आर.सी.), पांडिचेरी विश्वविद्यालय का मीडिया एवं संचार विद्यालय, और सरोजनी नायडू कला एवं संचार विद्यालय, हैदराबाद विश्वविद्यालय में मीडिया तथा सांस्कृतिक अध्ययन पर एक विशेष प्रश्न-पत्र जन-संचार में उनके नियमित मास्टर कार्यक्रम का एक भाग है। भारत में कई केन्द्रीय तथा राज्य विश्वविद्यालयों के सामाजिकी एवं मानवविज्ञान विभागों में भी मीडिया मानवविज्ञान प्रश्न-पत्र उनके नियमित मानव विज्ञान कार्यक्रमों का एक भाग है ।
इन संस्थाओं द्वारा चलाए जाने वाले मीडिया मानवविज्ञान, मीडिया एवं सांस्कृतिक अध्ययन पर प्रश्न पत्रों का उद्देश्य मीडिया छात्रों के कौशल को एक ऐसे अनुसंधान ढांचे में समाहित करना है जो उन्हें मीडिया, संस्कृति तथा समाज पर एक महत्वपूर्ण परिप्रेक्ष्य का विकास करने में सक्षम बना सकें ।
भारतीय विश्वविद्यालयों द्वारा मीडिया मानव विज्ञान के क्षेत्र में चलाए जाने वाले अनुसंधान कार्यक्रम मीडिया प्रौद्योगिकी, सूक्ष्म-समूह सांस्कृतिक परम्पराओं, रिसेप्शन स्थितियों तथा तत्काल सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक संरूपण के निर्धारण अध्ययन करने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करते हैं। मीडिया एवं सांस्कृतिक अध्ययन में अनुसंधान कार्यक्रम चलाने वाले विश्वविद्यालय तथा अनुसंधान संगठन सामान्यतः अंतर-प्रबंध संबंधों वाले स्थानीय संचार में स्थापित मास मीडिया सहित संचार के कार्यों की एक स्थानीय दृष्टि को बढ़ावा देते हैं और इस तरह नई संचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी, दूरदर्शन, इंटरनेट तथा अन्य मीडिया को परिवार गतिशीलता एवं अन्य पारम्परिक सामाजिक और सांस्कृतिक नेटवर्क से जोड़ते हैं ।
रोजगार कहां ढूंढ़ें
सामाजिक तथा सांस्कृतिक विकास के क्षेत्र में कार्यरत सरकारी सामाजिक संगठन, सांस्कृतिक एजेंसियां और विभाग, शैक्षिक तथा अनुसंधान संस्था, संचार परामर्शदाता संस्था, सामाजिक क्षेत्रों में कार्यरत मीडिया संगठन एवं गैर-सरकारी सगठनों सामान्यतः अपनी रिक्तियों को समाचार पत्रों में विज्ञापित करते हैं। इन संगठनों की वेबसाइट पर भी आप रोजगार पात्रता तथा आवेदन-पद्धति के विवरण देख सकते हैं। आप इन एजेंसियों के साथ एक मीडिया मानव विज्ञानी, सांस्कृतिक संचार विशेषज्ञ, पत्रकार, अनुसंधानकर्ता एवं मीडिया सलाहकार के रूप में भी कार्य कर सकते हैं।
वेतन:
मीडिया मानवविज्ञान तथा सांस्कृतिक क्षेत्रों में वेतन आपकी योग्यता और अनुभव, सामाजिक तथा सांस्कृतिक मामलों में आपकी विशेषता तथा आपके संचार कौशल पर निर्भर करता है, संचार अध्ययन में डिग्री या डिप्लोमा के साथ सामाजिक तथा सांस्कृतिक विकास मामलों की अच्छी समझ आपको एंट्री स्तर के पदों पर 20000 से 25000/- रु. वेतन प्राप्त करने में सहायता कर सकती है। संचार अध्ययन में किसी मास्टर या डॉक्टरेट डिग्री के साथ सामाजिक विज्ञान/मानविकी में कोई औपचारिक शिक्षा/विशेषज्ञता अधिक अवसर दिलाती है। प्रख्यात गैर-सरकारी संगठन तथा संचार सलाहकार संस्थाएं अपनी विभिन्न परियोजनाओं/कार्यक्रमों के लिए मीडिया मानव विज्ञान व्यवसायियों को अच्छा वेतन दे सकती हैं। अंतर्राष्ट्रीय डोनर्स एवं सरकारी सहयोगी संस्थाएं भी मानवजाति वर्णन मीडिया अनुसंधान में महत्वपूर्ण समर्थन की अच्छी समझ रखने वाले व्यक्तियों को अच्छे पद देती हैं। एक सशक्त नेतृत्व, टीम विकास तथा नेटवर्किंग कौशल आपको मीडिया तथा सांस्कृतिक क्षेत्रों में उच्च पद दिला सकता है।
अपने कौशल को निखारना
एक मीडिया मानवविज्ञानी के रूप में, किसी भी व्यक्ति को एक पूर्ण सामाजिक-सांस्कृतिक संचार अभियान को कुशल बनाने के लिए प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए अथवा किसी वेबसाइट के लिए सामान्य सामाजिक तथा सांस्कृतिक सदेंशों की रूप रेखा बनाने से लेकर सभी स्तरों पर योजना बनाने तथा नवप्रवर्तन के सृजन के लिए प्रभावी संचार की अच्छी समझ होनी चाहिए। लक्षित श्रोताओं/दर्शकों के लिए मीडिया संदेश तैयार करने व उन्हें संदेश देने के लिए सामाजिक तथा सांस्कृतिक अभियानों को अनुसंधान आधारित संचार नीतियों की आवश्यकता होती है। एक मीडिया मानव विज्ञानी के रूप में किसी भी व्यक्ति को यह सीखना चाहिए कि सांस्कृतिक आधुनिकीकरण की सम्पूर्ण प्रक्रिया किसी देश में स्थान किस तरह लेती है ।
शैक्षिक संस्थाओं, अनुसंधान संगठनों तथा मीडिया निर्माण ग्रहों के लिए अनुसंधान आधारित मानवविज्ञानी एवं सांस्कृतिक अध्ययन करने के लिए कुशल सामाजिक एवं सांस्कृतिक संदर्भ में तल्लीनता लाने, सामाजिक तथा सांस्कृतिक दूरियों को समाप्त करने, मनोवैज्ञानिक बाधाओं को दूर करने की क्षमता लाने तथा सूक्ष्म आचरण के तत्काल अनुपालन की एक वैज्ञानिक सोच आवश्यक होती है। एक मीडिया मानव विज्ञानी के रूप में यदि आपके पास सांस्कृतिक उपयोग प्रैक्टिस आधार वाले सामाजिक मूल्यों को पहचानने की कुशलता है तो आप अनुप्रयुक्त संचार के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर सकते हैं ।
(डॉ. प्रदीप नायर वर्तमान में अनवर जमाल किदवई जन संचार अनुसंधान केन्द्र (एम.सी.आर.सी.), जामिया मिल्लिया इस्लामिया (केन्द्रीय विश्वविद्यालय), जामिया नगर, नई दिल्ली-110025 में एक अनुसंधान वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत हैं) ई-मेल आई.डी: pradeep.mcrc@jmi.ac.in, nairdevcom@yahoo.co.in
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