माघे मंगर जेठ रवि


माघे मंगर जेठ रवि, जो सनि भादों होय।
छत्र टूटि धरती परे, कि अन्न महँगो होय।।


भावार्थ- यदि माघ मास में पाँच मंगलवार, जेठ में पाँच रविवार या भादों में पाँच शनिवार पड़ें तो राजा का नाश होगा या अन्न महँगा होगा।

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Post By: tridmin
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