माघ पूस की बादरी


माघ पूस की बादरी, औ कुँवारा घाम।
ये दोनों जो कोइ सहै, करै पराया काम।।


भावार्थ- माघ और पूस महीने की बदली और क्वार की धूप को जो सहन कर ले, वही दूसरे का काम कर सकता है क्योंकि माघ और पूस में ठंडी बहुत होती है और क्वार में धूप अधिक तेज होती है।

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Post By: tridmin
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