माघ पूस जो दखिना चलै।
तौ सावन के लच्छन भले।।
भावार्थ- घाघ कहते हैं कि यदि माघ और पूस के महीने में दक्खिनी हवा चले तो सावन में बरसात अच्छी होगी।
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