माघ पूस बहै पुरवाई।
तब सरसों का माहो खाई।।
शब्दार्थ- माहो- एक प्रकार का कीड़ा।
भावार्थ- पूस और माघ महीने में यदि पुरवा हवा चली तो सरसों में माहो लग जाता है और फसल नष्ट हो जाती है।
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