माघ अंधेरी सत्तमी, मेघ बिज्जु दमकंत।
मास चार बरसै सही, मत सोचै तू कंत।।
भावार्थ- यदि माघ कृष्ण सप्तमी को बादलों में बिजली चमक रही हो तो हे स्वामी! तुम चिन्ता मत करो, चौमासा अर्थात वर्षा के चारों महीने पानी बरसेगा।
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