माघ अमावस गर्भमय, जो केहु भाँति विचार।
भादौ की पून्यो दिवस, बरखा पहर जु चारि।।
भावार्थ- माघ की अमावस्या को बादलों के रहते हुए भी वर्षा न हो तो भादों की पूर्णिमा को चार पहर बरसेगा।
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