लरिका ठाकुर बूढ़ दिवान।
ममिला बिगरै साँझ बिहान।।
भावार्थ- यदि ठाकुर (राजा, जमींदार) बच्चा हो और उसका मंत्री बुड्ढा हो तो दोनों में कभी मेंल नहीं खा सकता और सुबह शाम में किसी वक्त झगड़ा हो सकता है।
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