नीर फाउंडेशन को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में पर्यावरण पर लेक्चर देने के लिए आमंत्रित किया गया। यह लेक्चर 8 फरवरी को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के कॉन्फ्रेंस हॉल प्रथम में हुआ। गौरतलब है कि इंडिया इंटरनेशनल सेंटर देश भर से किसी एक गैर-सरकारी संगठन के साथ मिलकर लेक्चर आयोजित करता है। लेक्चर के लिए नीर फाउंडेशन को चुना गया। संस्था को उसके काली नदी को प्रदूषण मुक्त करने के अपने अभियान को ध्यान में रखकर चुना गया। संस्था को इस लेक्चर के लिए मौका जल संसाधन मंत्रालय के पूर्व सचिव व सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के प्रोफेसर रामास्वामी अय्यर की रिकमेडेशन पर मिला। गौरतलब है कि रामास्वामी अय्यर विश्व के उन चुनिंदा जल विशेषज्ञों में शामिल हैं जोकि जल संबंधी पॉलिसी बनाने के लिए सरकारों की मदद करते हैं।
नीर फाउंडेशन के रमन त्यागी ने बताया कि मैं बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं क्योंकि इंडिया इंटरनेशनल सेंटर देश की बौद्धिकता का केंद्र है। देश की अपने क्षेत्र की प्रसिद्ध व्यक्तित्व इस केंद के सदस्य हैं। इस अवसर पर काली नदी के प्रदूषण के संबंध में तथा इसके लिए किए जा रहे संस्था के प्रयासों पर प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया गया। लेक्चर के दौरान रामास्वामी अय्यर स्वयं भी मौजूद रहे।
प्रजेंटेशन प्रस्तुतिकरण में रमन त्यागी ने काली नदी पूर्वी का पुरातन इतिहास, वर्तमान में उसमें बढ़ता प्रदूषण, प्रदूषण के कारण, उसके मानव स्वास्थ तथा पर्यावरण पर प्रभाव आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी रखी। काली नदी की व्यथा सुनने के पश्चात् सभी हैरान रह गए। इसके बाद समाधान के लिए सुझाव भी दिए गए तथा तय हुआ कि काली नदी के प्रदूषण की रोकथाम के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय की शरण में जाना ही एक मात्र उपाय बचा है। ऐसे में संस्था उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका की तैयारी कर रही है। इस दौरान पीड़ित लोगों को जागरूक करने का भी प्रस्ताव आया।
इसके पश्चात् रामास्वामी अय्यर ने देश के जाने माने पर्यावरणविदों, राजनैतिक हस्तियों तथा शोधकर्ताओं को काली नदी का एक सम्पूर्ण नोट भेजा गया है। इसमें लालकृष्ण आडवाणी, यशवंत सिन्हा, नवधान्य की निदेशिका वन्दना शिवा, भरत झुनझुनवाला, राजेन्द्र सिंह, रंजन पाण्डा, रमा रोता, मनोज मिश्रा, कर्नाटक के संगठन लियो साल्धना तथा अन्य विषय विशेषज्ञों को काली नदी की एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी है।
नीर फाउंडेशन के रमन त्यागी ने बताया कि मैं बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं क्योंकि इंडिया इंटरनेशनल सेंटर देश की बौद्धिकता का केंद्र है। देश की अपने क्षेत्र की प्रसिद्ध व्यक्तित्व इस केंद के सदस्य हैं। इस अवसर पर काली नदी के प्रदूषण के संबंध में तथा इसके लिए किए जा रहे संस्था के प्रयासों पर प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया गया। लेक्चर के दौरान रामास्वामी अय्यर स्वयं भी मौजूद रहे।
प्रजेंटेशन प्रस्तुतिकरण में रमन त्यागी ने काली नदी पूर्वी का पुरातन इतिहास, वर्तमान में उसमें बढ़ता प्रदूषण, प्रदूषण के कारण, उसके मानव स्वास्थ तथा पर्यावरण पर प्रभाव आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी रखी। काली नदी की व्यथा सुनने के पश्चात् सभी हैरान रह गए। इसके बाद समाधान के लिए सुझाव भी दिए गए तथा तय हुआ कि काली नदी के प्रदूषण की रोकथाम के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय की शरण में जाना ही एक मात्र उपाय बचा है। ऐसे में संस्था उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका की तैयारी कर रही है। इस दौरान पीड़ित लोगों को जागरूक करने का भी प्रस्ताव आया।
इसके पश्चात् रामास्वामी अय्यर ने देश के जाने माने पर्यावरणविदों, राजनैतिक हस्तियों तथा शोधकर्ताओं को काली नदी का एक सम्पूर्ण नोट भेजा गया है। इसमें लालकृष्ण आडवाणी, यशवंत सिन्हा, नवधान्य की निदेशिका वन्दना शिवा, भरत झुनझुनवाला, राजेन्द्र सिंह, रंजन पाण्डा, रमा रोता, मनोज मिश्रा, कर्नाटक के संगठन लियो साल्धना तथा अन्य विषय विशेषज्ञों को काली नदी की एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी है।
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