खाइ कै मूतै सूतै बाउँ।
काहै के बैद बसावै गाउँ।
भावार्थ- यदि व्यक्ति खाना खाने के पश्चत् पेशाब करके बायें करवट सो जाए, तो उसे अपने गाँव में वैद्य बसाने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ेगी अर्थात् ऐसा करने वाला व्यक्ति सदैव स्वस्थ रहता है।
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