जल संरक्षण एवं इसके लाभप्रद उपयोग के अतिरिक्त मृदा-संरक्षण एवं कृषि-वानिकी युक्तियां भी सूखे की संकटावस्था में कृषि के लिए उपयोगी एवं आवश्यक हैं। देश के विभिन्न प्रान्तों में किए गए जल परिक्षेत्र (Watershed basis) पर आधारित शोध परिणामों का विश्लेषण करने से यह बात स्पष्ट होती है कि सूखा ग्रस्त क्षेत्रों में मृदा-संरक्षण एवं कृषि-वानिकी युक्तियों का उपयोग तथा वृक्षों एवं फसलों की मिश्रित खेती पद्धति सूखे के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने में सहायक है। इस प्रपत्र में कृषि-सूखे का संकट घटाने के उपायों को ध्यान में रखते हुए, मृदा-जल-संरक्षण एवं कृषि-वानिकी की कुछ उपयोगी युक्तियां प्रस्तुत की गई हैं तथा सूखा प्रभावित क्षेत्रों में इन युक्तियों के प्रसार हेतु कुछ उपयुक्त सुझाव दर्शाए गए हैं।
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