देवास जिला कलेक्टर अवस्थी ने इस कार्य के लिये सहयोग हरियाली मिशन चलाया। इसके तहत उन्होंने समाज की व्यापक जनभागीदारी हासिल की। प्रत्येक व्यक्ति से रुपए दो हजार की राशि ली गई और उनके नाम से पौधा लगाया गया। इस राशि से इन पौधों का समग्र रख-रखाव किया जाएगा। इससे लगभग 22 लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई। प्रत्येक दो सौ पौधों पर एक माली को भी नियुक्त किया गया। ड्रीप इरिगेशन पद्धति से पौधों में निरन्तर पानी दिया जा रहा है। लेकिन अनेक स्थानों पर मटका पद्धति भी अपनाई गई। मध्य प्रदेश के देवास कलेक्टर आशुतोष अवस्थी ने पर्यावरण विकास के क्षेत्र में दृढ़ संकल्पित होकर माता-टेकरी को पूरी तरह सँवार कर हरियाली चुनरी ओढ़ा दी है। टेकरी अब हरी-भरी हो गई है। इस कार्य से उन्होंने देश के अन्य जिलों के लिये भी अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है। हर कलेक्टर अपने जिले की एक पहाड़ी को भी इस तरह सँवार दें तो पर्यावरण-यज्ञ की दिशा में बड़ी आहुति होगी।
लगभग एक-डेढ़ साल की अथक मेहनत, दूरदृष्टि, टीम भावना और दृढ़ संकल्प के साथ किये गए प्रयासों को जब आप माता टेकरी को पूरी तरह घूमते हुए देखते हैं तो आपको आश्चर्य होगा कि कल तक अतिक्रमण, गन्दगी, सुअरों के खुले विचरण, चिलम पीने के अड्डे, कटते वृक्ष, बंजर होती पहाड़ी का जो दिल दुखाने वाला दृश्य हमें दिखाई देता था, वहाँ चारों ओर सुकून नजर आ रहा है। बकौल अवस्थी- ‘पहाड़ी की स्थिति चिन्ताजनक हो चली थी। पौधों के साथ-साथ मिट्टी भी गायब हो चली थी। इसलिये जरूरी था कि इसे सबसे पहले पौधों से आबाद किया जाय। इसके साथ ही मिट्टी कटाव के विविध उपायों पर कार्य किया जाये।’ देवास माता टेकरी पर आप किसी भी क्षेत्र में घूम आएँ-हजारों पौधे, पेड़ बनकर इस पहाड़ी को इसकी परम्परागत पहचान दिलाने की ओर मुखातिब नजर आएँगे।
पहाड़ी पर अहम बदलाव लाने की दिशा में जो अति महत्त्वपूर्ण कार्य हुए हैं, उनमें बाउण्ड्रीवॉल और तार फेंसिंग भी शामिल है। देवास की टेकरी को चारों ओर से अतिक्रामकों ने घेर लिया था वे लगातार ऊपर की ओर बढ़ते जा रहे थे। टेकरी में खुले में शौच भी एक बड़ी समस्या थी। काफी मशक्कत के बाद इस पर काबू पाया जा सका।
कामद गिरी पर्वत की तर्ज पर बहुत ही सुन्दर परिक्रमा-पथ भी बनाया गया है। इस टेकरी में अनेक स्थानों पर हट्स और छोटी पुलिया भी बनाई गई है। नाला बन्धान भी अनेक स्थानों पर किये गए हैं। टेकरी कायाकल्प योजना टीम के दो महत्त्वपूर्ण किरदार तहसीलदार डॉ. नरेन्द्र यादव और देवास विकास प्राधिकरण के सीईओ गुप्ता पूरा बदलाव दिखाते हुए कहते हैं- थोड़ी मुश्किलें तो आईं, लेकिन अब देखकर लगता है कि बदलाव के लिये यदि ठान लिया जाये तो सब कुछ सम्भव होता जाता है।
वृक्ष इस टेकरी की फिर पहचान बनने जा रहे हैं। अनेक स्थानों पर बड़-पीपल वाले त्रिवेणी रोपी गई है। जहाँ खाली स्थान दिखा-नियोजन के साथ पौधारोपण किया गया है। नीम रोपण- यहाँ महाभियान के तौर पर है। व्यापक जनभागीदारी भी रही। समाज ने राशि दी और उनके नाम से ट्री गार्ड लगाकर पौधे लगाए गए। टंकी लगकर ड्रीप इरिगेशन पद्धति से पानी दिया जा रहा है। अनेक स्थानों पर मटके और सुतली पद्धति से भी पौधों को पानी दिया जा रहा है। माता मन्दिरों पर चढ़ाए फूलों से खाद भी बनाई जा रही है।
सहयोग हरियाली मिशन
देवास जिला कलेक्टर अवस्थी ने इस कार्य के लिये सहयोग हरियाली मिशन चलाया। इसके तहत उन्होंने समाज की व्यापक जनभागीदारी हासिल की। प्रत्येक व्यक्ति से रुपए दो हजार की राशि ली गई और उनके नाम से पौधा लगाया गया। इस राशि से इन पौधों का समग्र रख-रखाव किया जाएगा। इससे लगभग 22 लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई। प्रत्येक दो सौ पौधों पर एक माली को भी नियुक्त किया गया। ड्रीप इरिगेशन पद्धति से पौधों में निरन्तर पानी दिया जा रहा है। लेकिन अनेक स्थानों पर मटका पद्धति भी अपनाई गई।
इसमें पौधरोपण के साथ ही पुराने मटके में छेद कर उसमें जूट की रस्सी डालकर पौधों के पास गाड़ दिया गया। ऐसा करने से एक बाल्टी पानी घड़े में भरने से पाँच दिन तक पौधे में पानी देने की जरूरत नहीं पड़ती है। अन्य पौधों की तुलना में मटके से सिंचाई वाला पौधा जल्दी बढ़ता है। प्रमुख रूप से लगाए गए पौधों में नीम, पीपल, बरगद, गुलमोहर, अमलतास, बाँस की विभिन्न प्रजातियाँ, बोगनवीलिया, प्रोटन, क्रिसमस ट्री, फायकस, मधुमति, सीताफल आदि हैं। सहयोग हरियाली मिशन में जिन लोगों ने सहयोग दिया उनको एक कार्यक्रम आयोजित कर टेकरी पर सम्मानित भी किया गया।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रयास : अवस्थी
माँ तुलजा भवानी और माँ चामुण्डा वाली माता टेकरी-देवास की पहचान रही है। यह अतिक्रमण और गन्दगी की चपेट में थी। वृक्ष समाप्त हो गए थे और मिट्टी कटाव चिन्ताजनक स्थिति में पहुँच रहा था। देवास के समाज और अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम के प्रयासों से माता टेकरी के पर्यावरण संरक्षण और यात्रियों को सुविधाएँ उपलब्ध कराने की दिशा में कुछ प्रयास किये गए हैं। यह सभी के सहयोग से सम्भव हो पाया है... आशुतोष अवस्थी, कलेक्टर-देवास
प्रयास : एक नजर में
1. जनभागीदारी से पूरी पहाड़ी पर व्यापक पौधारोपण
2. अनेक जगह सुन्दर लैण्ड स्कैप का निर्माण
3. छोटी पुलियाओं और हट्स का निर्माण
4. अतिक्रमण से मुक्ति
5. चारों ओर बाउन्ड्रीवॉल और फेंसिंग
6. गन्दगी और सुअरों से पूरी तरह मुक्ति
7. सुन्दर परिक्रमा पथ का निर्माण
8. 10 रुपए में दर्शनार्थियों को भोजन प्रसादी
9. दाल-बाफला सेंटर की शुरुआत
10. दीवारों पर कलाकारों द्वारा सुन्दर चित्रांकन
11. फूलों से खाद बनाने की शुरुआत
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Post By: RuralWater