भास्कर न्यूज/ धर्मेश पांडेय/ March 14, 2009
करनाल. लगातार दोहन के कारण गिर रहे भूजल स्तर से चिंतित वैज्ञानिको का प्रयास रंग लाया। भूजल स्तर उपर लाने के लिए सीसीएसआरआई करनाल के वैज्ञानिकों ने ‘रिचार्ज साफ्ट’ स्कीम तैयार कर हरियाणा व पंजाब में करीब 26 रिचार्ज नलकूप लगाए।जो चार नलकूप बरसात से पहले लगाए गए थे उनके परिणाम सकारात्मक रहे हैं। इससे वैज्ञानिक काफी उत्साहित हैं। यही कारण है कि मिनिस्ट्री ऑफ वाटर रिसोर्स ने ऐसे सौ प्रोजेक्ट लगाने का जिम्मा सीएसएसआरआई को सौंपा है। इसके तहत हरियाणा में 50, पंजाब में 15, यूपी में 10 व गुजरात में 25 रिचार्ज नलकूप लगाए जाएंगे।
सीएसएसआरआई के वैज्ञानिकों की मानें तो पहले सरकारी स्तर पर बहुत बड़े रिचार्ज नलकूप लगाए जा रहे थे, जो देखरेख के अभाव में फेल हो रहे थे। स्कीम से किसानों को जोड़ा गया। इससे नलकूप का जलस्तर बढ़ा व बरसात में पानी भर जाने से फसल खराब होने की समस्या से भी निजात मिल गई। किसान इसे अपनी संपत्ति मानते हुए रख-रखाव व सफाई का पूरा ध्यान रखते हैं जिससे ये काम सही से कर रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि सौ फीट के सिस्टम पर लागत 35 से 48 हजार व 150 फीट के सिस्टम पर 52 से 68 हजार की लागत आती है।
सीएसएसआरआई के वैज्ञानिकों ने बरसात से पहले लगाए लगे चार रिचार्ज नलकूपों के पानी की जांच की। इनके परिणाम अपेक्षा से अधिक उत्साह वर्धक रहे हैं।
डेरा नवीवाद (असंध): यहां 26 जुलाई 2008 को जब रिचार्ज नलकूप लगा, तब वाटर लेवल 6.6 मीटर पर था। 14 अक्टूबर को यह सुधरकर 5.7 मी. हो गया। जबकि 6 नवंबर को यह 5.85 मीटर हो गया। इसी तरह पानी में इलेक्ट्रिक कंडेक्टिविटी (ईसी) जुलाई में .70 थी जिसमें सुधार हुआ और अक्टूबर में यह .28 व अक्टूबर में .29 रही। आरएससी (रेज्यूडियल सोडियम काबरेनेट) की मात्रा जो 2.4 थी वह अक्टूबर में निल पाई गई।
डेरा यात्रीवाला (असंध) : यहां 13 अगस्त 2008 को जलस्तर 5.4 मीटर से चढ़कर 3.00 मीटर पर आ गया। ईसी 1.20 से .72 रही जबकि आरएससी 1.8 से निल हो गई।
पाजू कलां (जींद) : यहां 14 अगस्त 2008 को जल स्तर 15.6 मी. था जो रिचार्ज वेल लगने के बाद 14 अक्टूबर को 13.9 मीटर नापा गया। ईसी .98 से घटकर .85 व आरएससी 4.4 से घटकर 3.6 हो गई।
डेरा असंध: यहां पर 24 अगस्त 08 को जलस्तर 6.00 मीटर था जो 14 अक्टूबर को 4.8 मीटर पर आ गया। ईसी .96 से .78 व आरएससी 2.4 से 1.8 नापी गई।
रिचार्ज सॉफ्ट स्कीम के परिणाम काफी उत्साहवर्धन रहे। सही रख-रखाव से किसान बड़ा लाभ ले सकते हैं। इससे जलस्तर तो सुधरा ही, जल में उपस्थित हानिकारक तत्वों में भी भारी कमी मिली। अभी और विस्तृत अध्ययन किया जा रहा है। वैसे मंत्रालय ने और रिचार्ज नलकूप लगाने को हरी झंडी दे दी है।
-डॉ. एसके कामरा, वरिष्ठ भूजल वैज्ञानिक सीएसएसआरआई, केरनाल
Tags - Jalstar, Bhaskar News, falling ground water levels, Karnal CCRRI of scientists' Richarj Saft 'scheme,
साभार - भास्कर न्यूज
करनाल. लगातार दोहन के कारण गिर रहे भूजल स्तर से चिंतित वैज्ञानिको का प्रयास रंग लाया। भूजल स्तर उपर लाने के लिए सीसीएसआरआई करनाल के वैज्ञानिकों ने ‘रिचार्ज साफ्ट’ स्कीम तैयार कर हरियाणा व पंजाब में करीब 26 रिचार्ज नलकूप लगाए।जो चार नलकूप बरसात से पहले लगाए गए थे उनके परिणाम सकारात्मक रहे हैं। इससे वैज्ञानिक काफी उत्साहित हैं। यही कारण है कि मिनिस्ट्री ऑफ वाटर रिसोर्स ने ऐसे सौ प्रोजेक्ट लगाने का जिम्मा सीएसएसआरआई को सौंपा है। इसके तहत हरियाणा में 50, पंजाब में 15, यूपी में 10 व गुजरात में 25 रिचार्ज नलकूप लगाए जाएंगे।
सीएसएसआरआई के वैज्ञानिकों की मानें तो पहले सरकारी स्तर पर बहुत बड़े रिचार्ज नलकूप लगाए जा रहे थे, जो देखरेख के अभाव में फेल हो रहे थे। स्कीम से किसानों को जोड़ा गया। इससे नलकूप का जलस्तर बढ़ा व बरसात में पानी भर जाने से फसल खराब होने की समस्या से भी निजात मिल गई। किसान इसे अपनी संपत्ति मानते हुए रख-रखाव व सफाई का पूरा ध्यान रखते हैं जिससे ये काम सही से कर रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि सौ फीट के सिस्टम पर लागत 35 से 48 हजार व 150 फीट के सिस्टम पर 52 से 68 हजार की लागत आती है।
ये रहे प्रोजेक्ट के परिणाम
सीएसएसआरआई के वैज्ञानिकों ने बरसात से पहले लगाए लगे चार रिचार्ज नलकूपों के पानी की जांच की। इनके परिणाम अपेक्षा से अधिक उत्साह वर्धक रहे हैं।
डेरा नवीवाद (असंध): यहां 26 जुलाई 2008 को जब रिचार्ज नलकूप लगा, तब वाटर लेवल 6.6 मीटर पर था। 14 अक्टूबर को यह सुधरकर 5.7 मी. हो गया। जबकि 6 नवंबर को यह 5.85 मीटर हो गया। इसी तरह पानी में इलेक्ट्रिक कंडेक्टिविटी (ईसी) जुलाई में .70 थी जिसमें सुधार हुआ और अक्टूबर में यह .28 व अक्टूबर में .29 रही। आरएससी (रेज्यूडियल सोडियम काबरेनेट) की मात्रा जो 2.4 थी वह अक्टूबर में निल पाई गई।
डेरा यात्रीवाला (असंध) : यहां 13 अगस्त 2008 को जलस्तर 5.4 मीटर से चढ़कर 3.00 मीटर पर आ गया। ईसी 1.20 से .72 रही जबकि आरएससी 1.8 से निल हो गई।
पाजू कलां (जींद) : यहां 14 अगस्त 2008 को जल स्तर 15.6 मी. था जो रिचार्ज वेल लगने के बाद 14 अक्टूबर को 13.9 मीटर नापा गया। ईसी .98 से घटकर .85 व आरएससी 4.4 से घटकर 3.6 हो गई।
डेरा असंध: यहां पर 24 अगस्त 08 को जलस्तर 6.00 मीटर था जो 14 अक्टूबर को 4.8 मीटर पर आ गया। ईसी .96 से .78 व आरएससी 2.4 से 1.8 नापी गई।
रिचार्ज सॉफ्ट स्कीम के परिणाम काफी उत्साहवर्धन रहे। सही रख-रखाव से किसान बड़ा लाभ ले सकते हैं। इससे जलस्तर तो सुधरा ही, जल में उपस्थित हानिकारक तत्वों में भी भारी कमी मिली। अभी और विस्तृत अध्ययन किया जा रहा है। वैसे मंत्रालय ने और रिचार्ज नलकूप लगाने को हरी झंडी दे दी है।
-डॉ. एसके कामरा, वरिष्ठ भूजल वैज्ञानिक सीएसएसआरआई, केरनाल
Tags - Jalstar, Bhaskar News, falling ground water levels, Karnal CCRRI of scientists' Richarj Saft 'scheme,
साभार - भास्कर न्यूज
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