डेली न्यूज नेटवर्क लखनऊ। बेमौसम हुई बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं से बराबर किसानों को उनकी फसलों का मुआवजा तो मिलेगा। जिला प्रशासन ने इसके लिए शासन को सर्वें के बाद प्रस्ताव भी भेज दिया है। लेकिन अभी तक एक भी रुपया सरकार से नहीं मिला है। तो दूसरी तरफ राजधानी में गरीब किसानों की मौत हो रही है। इसके बावजूद अभी तक सिर्फ ये ही तय हो पाया है कि कम से कम 15 सौ रुपए का चेक तो मिलेगा। साथ ही फसल की बरबादी पर 13500 रुपए प्रति हेक्टेयर मुआवजा मिलेगा। लेकिन तभी मिलेगा जब सरकार से पैसे मिलेंगे।
अभी नहीं शुरू हुआ सब्जियों और फलों के किसानों की फसलों का सर्वेबुधवार को किसानों की बरबाद फसलों का निरीक्षण करने स्वयं जिलाधिकारी राज शेखर भी मौके पर पहुँचे। उनके साथ एडीएम प्रशासन आरके पाण्डेय और मोहनलालगंज के एसडीएम अनिल सिंह भी मौजूद रहे। उन्होंने मोहनलालगंज के अतरौली और कल्ली पश्चिम गाँव में किसानों की गेहूँ की फसलों का निरीक्षण किया। मौके पर ही गेहूँ की फसलों के दाने भी चेक किए। कई किसानों की फसलें तो पूरी तरह से ही खराब हो गई हैं। तो कई किसानों की गेहूँ की फसलों के दाने काले पड़ गए हैं।
डीएम ने किसानों से मिलकर उन्हें उचित मुआवजा दिलाए जाने का आश्वासन दिया। हालाँकि अभी तक जिला प्रशासन सब्जियों और फलों की खेती करने वाले किसानों के लिए कोई रणनीति नहीं बनाई गई है। यहाँ तक कि उनकी फसलों का सर्वे तक शुरू नहीं किया गया है। जबकि सब्जियों और फलों की खेती करने वाले किसानों की फसलों का सर्वे उद्यान विभाग और कृषि विभाग की टीम को मिलकर करना है।
जिलाधिकारी ने जनपद के सभी किसानों से कहा है कि वे अपनी प्रभावित फसलों की जानकारी कलक्ट्रेट के जनसुविधा केन्द्र में भी दिए गए फोन नम्बरों 0522- 26111170 या 2611118 पर दर्ज करा सकते हैं। उसके बाद जिला प्रशासन 46 घण्टों के अन्दर उनका सर्वे कराकर मुआवजा दिलाएगा।
फिलहाल ये तय हो गया है कि किसानों को उनकी बरबाद फसलों का मुआवजा अभी नहीं मिलने वाला। क्योंकि प्रदेश सरकार से अभी तक एक रुपया भी नहीं मिला है। मलिहाबाद, बीकेटी व मोहनलालगंज के किसान बता रहे हैं कि खराब मौसम के कारण गेहूँ, दलहनी फसलों, सब्जियों और फलों की फसलें बरबाद हो गई हैं। लेकिन तहसीलदार या पटवारी नुकसान के मूल्यांकन के लिए आए ही नहीं है।
जिलाधिकारी राज शेखर ने जिला उद्यान अधिकारी को निर्देश दिए है कि वे जनपद में फलों और सब्जियों की फसलों का सर्वे कर 20 अप्रैल तक रिपोर्ट प्रस्तुत करें। जनपद में कुल कितने फीसदी फलों और सब्जियों की फसलें प्रभावित हुई हैं, उनकी रिपोर्ट तहसील और ब्लाकवार बनाने के साथ ही ब्लाकवार लेखपालों की सर्वे रिपोर्ट का परीक्षण भी जिला कृषि अधिकारी करा लें।
अभी नहीं शुरू हुआ सब्जियों और फलों के किसानों की फसलों का सर्वेबुधवार को किसानों की बरबाद फसलों का निरीक्षण करने स्वयं जिलाधिकारी राज शेखर भी मौके पर पहुँचे। उनके साथ एडीएम प्रशासन आरके पाण्डेय और मोहनलालगंज के एसडीएम अनिल सिंह भी मौजूद रहे। उन्होंने मोहनलालगंज के अतरौली और कल्ली पश्चिम गाँव में किसानों की गेहूँ की फसलों का निरीक्षण किया। मौके पर ही गेहूँ की फसलों के दाने भी चेक किए। कई किसानों की फसलें तो पूरी तरह से ही खराब हो गई हैं। तो कई किसानों की गेहूँ की फसलों के दाने काले पड़ गए हैं।
डीएम ने किसानों से मिलकर उन्हें उचित मुआवजा दिलाए जाने का आश्वासन दिया। हालाँकि अभी तक जिला प्रशासन सब्जियों और फलों की खेती करने वाले किसानों के लिए कोई रणनीति नहीं बनाई गई है। यहाँ तक कि उनकी फसलों का सर्वे तक शुरू नहीं किया गया है। जबकि सब्जियों और फलों की खेती करने वाले किसानों की फसलों का सर्वे उद्यान विभाग और कृषि विभाग की टीम को मिलकर करना है।
जनसुविधा केन्द्र में दर्ज कराएँ शिकायत
जिलाधिकारी ने जनपद के सभी किसानों से कहा है कि वे अपनी प्रभावित फसलों की जानकारी कलक्ट्रेट के जनसुविधा केन्द्र में भी दिए गए फोन नम्बरों 0522- 26111170 या 2611118 पर दर्ज करा सकते हैं। उसके बाद जिला प्रशासन 46 घण्टों के अन्दर उनका सर्वे कराकर मुआवजा दिलाएगा।
अभी करना होगा इन्तजार
फिलहाल ये तय हो गया है कि किसानों को उनकी बरबाद फसलों का मुआवजा अभी नहीं मिलने वाला। क्योंकि प्रदेश सरकार से अभी तक एक रुपया भी नहीं मिला है। मलिहाबाद, बीकेटी व मोहनलालगंज के किसान बता रहे हैं कि खराब मौसम के कारण गेहूँ, दलहनी फसलों, सब्जियों और फलों की फसलें बरबाद हो गई हैं। लेकिन तहसीलदार या पटवारी नुकसान के मूल्यांकन के लिए आए ही नहीं है।
उद्यान विभाग को 20 तक सर्वे कर देनी है रिपोर्ट
जिलाधिकारी राज शेखर ने जिला उद्यान अधिकारी को निर्देश दिए है कि वे जनपद में फलों और सब्जियों की फसलों का सर्वे कर 20 अप्रैल तक रिपोर्ट प्रस्तुत करें। जनपद में कुल कितने फीसदी फलों और सब्जियों की फसलें प्रभावित हुई हैं, उनकी रिपोर्ट तहसील और ब्लाकवार बनाने के साथ ही ब्लाकवार लेखपालों की सर्वे रिपोर्ट का परीक्षण भी जिला कृषि अधिकारी करा लें।
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Post By: birendrakrgupta