कहीं समाप्त न हो जाएं समुद्र में रहने वाले कोरल रीफ

मौसम परिवर्तन का नकारात्मक असर सिर्फ धरती पर रहने वाले जीवों पर नहीं पड़ रहा है, बल्कि समुद्र के अंदर यहां तक नीचे रहने वाले कोरल रीफ पर भी पड़ रहा है। एक नए अध्ययन में पता चला है कि मौसम परिवर्तन के कारण कोरल रीफ धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं। अध्ययन के मुताबिक समुद्र के नीचे भी प्रदूषण पहुंच रहा है। साथ ही वहां भी पानी धीरे-धीरे गर्म हो रहा है। इन कारणों से समुद्री रीफ के अस्तित्व को खतरा उत्पन्न हो गया है।

एक मैक्सिन वैज्ञानिक ने बताया कि शोध के दौरान उन्हें पता चला कि कोरल रीफ धीरे-धीरे पूरी दुनिया से समाप्त हो रहे हैं। कोरल रीफ समुद्र के नीचे एक प्रकार के जंगल हैं, जो कि लगभग 25 फीसदी प्रजातियों के जीवन का सहारा हैं। इन्ही कोरल रीफ की मदद से 25 फीसदी समुद्री प्रजातियों को आवास तथा भोजन मिलता है। इनकी समाप्ति से इन जीवों को भी काफी संघर्ष करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं कोरल रीफ में भयंकर तूफानों को सोखने की क्षमता भी मौजूद है।

शोधकर्ता इग्लेसियास ने बताया कि जल प्रदूषण और अधिक संख्या में मछलियों को मारना इसके लिए काल बनता जा रहा है। उन्होंने बताया कि 1998 के बाद से कोरल रीफ आज अपने सबसे बुरे दिन में पहुंच चुका है और समाप्ति की कगार पर खड़ा है। एक अन्य शोधकर्ता मार्क इयाकिन ने बताया कि वैश्विक स्तर पर लगभग 16 फीसदी कोरल रीफ समाप्त हो चुके हैं। इसके अलावा मैक्सिको में करीब 1,100 किमी. तक कोरल रीफ अपना जीवन बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

कोरल रीफ पर सबसे अधिक दक्षिणपूर्व एशिया में प्रभावित हुआ है। यहां करीब 80 फीसदी कोरल रीफ समाप्त हो चुके हैं। शोधकर्ता ने बताया कि तापमान में सामान्य लक्ष्य से दो डिग्री सेल्सियस अधिक वृद्घि हुई है। यह कोरल रीफ के लिए काल है। 1950 से अबतक वैश्विक स्तर पर लगभग 20 फीसदी कोरल रीफ समाप्त हो चुके हैं और अगले 40 वर्षों में और भी भयावह रूप देखने को मिलेगा। इसलिए अब यह सही समय है कि कोरल रीफ को बचाने के लिए कोई कारगर कदम उठाना चाहिए, नहीं तो प्राकृतिक रूप से भी बहुत कुछ क्षति देखने को मिलेगा।

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