कदम-कदम पर बाजरा, मेढक कुदौनी ज्वार।
ऐसे बौवै जो कोई, घर भर भरै बखार।।
शब्दार्थ- बखार-अनाज भंडारण का स्थान।
भावार्थ- एक-एक कदम पर बाजरा और मेढक की कुदान बर की दूरी पर ज्वार बोने वाले किसान के घर में अन्न से बखार भर जायेंगी।
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