कातिक सुदी एकादसी


कातिक सुदी एकादसी, बादल बिजुली होय।
तो असाढ़ में भड्डरी, बरखा चोखी होय।।


शब्दार्थ – चोखी-तेज, अधिक।

भावार्थ – यदि कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को बादलों में बिजली चमके तो भड्डरी के कथनानुसार आषाढ़ में वर्षा अधिक होगी।

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Post By: tridmin
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