कातिक मावस देखो जोसी। रवि सनि भौमवार जो होखी।
स्वाति नखत अरु आयुष जोगा। काल पड़ै अरु नासैं लोगा।।
भावार्थ- भड्डरी का कहना है कि ज्योतिषी को कार्तिक की अमावस्या को यह देख लेना चाहिए कि उस दिन रविवार, शनिवार और मंगलवार, स्वाती नक्षत्र तथा आयुष्य योग तो नहीं है। यदि ऐसा है तो अकाल पड़ेगा और मनुष्यों का नाश होगा।
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