कैसे प्रदूषण से किसी देश की अर्थव्यवस्था हो सकती है तबाह

प्रदूषण,फोटो- Shubh Singh, flickerIndiawaterportal
प्रदूषण,फोटो- Shubh Singh, flickerIndiawaterportal

विश्व बैंक  की ताजा रिपोर्ट में  यह बात सामने आई कि भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश में वायु प्रदूषण के कारण आर्थिक विकास पर भी असर हुआ है। वर्ल्ड बैंक की ताजा एक रिपोर्ट में कहा कि प्रदूषण ने 2019 में सकल घरेलू उत्पाद को 3.9% से 4.4% तक कम कर दिया और यह मृत्यु और विकलांगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण था।

वायु प्रदूषण के कारण बंगलदेश में  लगभग 78,145 से 88,229 लोगों  की मौतें हुईं है,विश्व बैंक ने अनुमान लगाया हैं राजधानी ढाका देश में सबसे अधिक प्रदूषित वाले शहर  में शामिल  है। वर्ल्ड बैंक के बांग्लादेश और भूटान के कार्यवाहक निदेशक दंडन चेन ने कहा, " वायु प्रदूषण ने बच्चों से लेकर बुजुर्गों के स्वास्थय को  जोखिम में डाला है ऐसे में जरुरी है देश की प्रगति के लिए वायु प्रदूषण को संबोधित  किया जाये।

रेपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश के सबसे बड़े शहर ढाका में बड़े निर्माण कार्य  और लगातार ट्रैफिक वाली जगहों पर एक दिन में 1.7 सिगरेट पीने के बराबर सूक्ष्म कण होते हैं। वही  इसी साल मार्च में 6,475 शहरों में विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अध्ययन में पाया गया कि कोई भी देश 2021 में अपने वायु गुणवत्ता मानक को पूरा करने में सक्षम नहीं हुआ है।  

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प्रदूषण से भारत की GDP हुई कम

वायु प्रदूषण से बंगलादेश की नहीं भारत की अर्थवयवस्था पर  भी असर हुआ है। भारत की अर्थवयवस्था  बंगलादेश की  अर्थवयवस्था से काफी बड़ी है इस लिए इसका व्यापक असर नहीं दिख रहा है लेकिन  भारत में वायु प्रदूषण के कारण हुई 16.7 लाख मौतों में से अधिकांश मौत 9.8 लाख PM2.5 प्रदूषण की वजह से हुई है जबकि 6.1 लाख मौ तो के लिए घरेलू वायु प्रदूषण  जिम्मेदार है।

वही बात करे साल 2019 की तो वायु प्रदूषण से देशभर में  लगभग  17 लाख लोगों की मौत हुई थी। यानि हर दिन लगभग 4 हजार 658 लोगों की वायु प्रदूषण से मौत हुई। भारत में पिछले 2 दशक से वायु प्रदूषण 115%  का इजाफा हुआ है । देश में होने वाली कुल मौत में से 18% मौत वायु प्रदूषण  के कारण होती है इसमें फेफड़ों से जुड़ी बीमारी की वजह से सबसे अधिक मौत हुई है।

वायु प्रदूषण से होने वाली मौत  की वजह से भारत  की GDP में 1.4% यानि  2 लाख 60 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इसका साफ मतलब है कि 2020-21 में जितना स्वास्थ्य बजट था, उसका 4 गुना नुकसान GDP में हुआ।

रिपोर्ट के मुताबिक प्रदूषण के चलते अर्थव्यवस्था (economy) पर भी मार पड़ी है. प्रदूषण (pollution) के चलते लोगों की मौत और उनके इलाज पर खर्च के चलते अर्थव्यवस्था को लगभग 2.6 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है. ये GDP का लगभग 1.4 फीसदी है. सबसे अधिक नुकसान दिल्ली  को हुआ है. प्रदूषण के चलते सबसे अधिक नुकसान के मामले में दूसरा नम्बर हरियाणा (Haryana) का रहा है

अगर प्रदूषण को आज नहीं रोका गया तो भविष्य यह इतना बढ़ जायेगा कि इससे  देश की अर्थव्यवस्था तबाह भी हो सकती है कुछ ऐसा उदाहरण हमने करोना काल  में देखा। साल 2020 में कोरोना वायरस के कारण भारत की जीडीपी 6.1 से घटकर 3.1 तक खिसक गई थी।   कोरोना ने पिछले दो साल में भारत्त की  अर्थव्यवस्था  पर गहरा असर डाला है ।सोचिए जब एक बीमारी ने हमारी अर्थव्यवस्था पर इतना गहरा असर डाला तो ये प्रदूषण कितना असर डालेगा। शायद 4 गुना क्योंकि खतरनाक स्थिति का प्रदूषण एक बीमारी का जनक नहीं होता बल्कि स्ट्रोक, हृदय रोग, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज और कैंसर सहित अनेक गंभीर बीमारी को जन्म देता है। और अगर इन सारी बीमारियों से काफी संख्या में लोग ग्रस्त  हुए तो ऐसे में अर्थव्यवस्था चरमरा सकती है । इसलिए हमें आज से ही  प्रदूषण को एक गम्भीर बीमारी  समझकर इसे रोकने के प्रयास  करने होगें ताकि हमारा कल सुरक्षित रह सके।       
 

 

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Post By: Shivendra
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