कैसे बनें जिओलॉजिस्ट

जिओलॉजी के अंतर्गत पृथ्वी की उत्पत्ती, इतिहास और संरचना के बारे में अध्ययन किया जाता है। इसके कई ब्रांच हैं- मिनेरोलॉजी, स्ट्रक्चर जिओलॉजी, जिओमोफोलॉजी, प्लेनटोलॉजी और जिओलॉजिकल इंजीनियरिंग। जो स्टूडेंट्स इन विषयों का अध्ययन करते हैं, वे जिओलॉजिस्ट कहलाते हैं। इस क्षेत्र से जुड़े लोग धरती के अंदर पाई जाने वाली अकूत खनिज संपदा को ढूंढने का कार्य भी करते हैं। अर्थ विज्ञान के क्षेत्र से जुड़े इस फील्ड के लोगों की मांग केवल सरकारी कंपनियों में ही नहीं, बल्कि निजी कंपनियों में भी खूब हैं।

क्या करते हैं जिओलॉजिस्ट


जिओलॉजिस्ट का कार्य-क्षेत्र काफी फैला हुआ है। धरती के अंदर खनिज और प्राकृतिक संपदा कहां हैं, इसकी खोज करते हैं जिओलॉजिस्ट। इसके अलावा, रेलवे, ब्रिज, रोड, बिल्डिंग आदि बनाने वाली टीम के साथ भी ये काम करते हैं।

योग्यता और कोर्स


आप साइंस सब्जेक्ट से बारहवीं पास हैं, तो जिओलॉजी के अडंरग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। इसके बाद आप मास्टर डिग्री, पीएचडी कोर्स भी कर सकते हैं। देश के कई प्रमुख कॉलेजों में जिओलॉजी और अप्लाइड जिओलॉजी में बैचरल और मास्टर डिग्री कोर्स उपलब्ध हैं। आइए जानते हैं, इस फील्ड में किस तरह के कोर्स उपलब्ध हैं :

• बीएससी (जिओलॉजी)
• एमएससी (जिओलॉजी)
• एमएससी (अप्लाइड जिओलॉजी)
• एमटेक (जिओलॉजी)
• एमफिल (जिओलॉजी)
• पीएचडी

नौकरी के अवसर


जिओलॉजिस्ट को कोर्स करने के बाद आप सरकारी कंपनियों में जॉब की तलाश में हैं, तो इसके लिए संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित एग्माम में हिस्सा ले सकते हैं। यूपीएससी जिओलॉजिस्ट (जूनियर) ग्रुप ए, असिस्टेंट जिओलॉजिस्ट ग्रुप बी इन जिओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, पद के लिए परीक्षा का आयोजन करती है।

हालांकि जिओलॉजिस्ट का काम जितना चुनौतीपूर्ण है, उतना ही रिवार्डिंग भी है। इन दिनों जिओलॉजिस्ट और जिओग्रॉफर्स के लिए खूब स्कोप हैं। इनके लिए पेट्रोलियम कंपनियों के अलावा, खनन कंपनी, सरकारी और गैर-सरकारी कंपनियों में कार्य करने का खूब अवसर होता है। डिफेंस और पारा मिलिट्री, रिसर्च और डेवलॅपमेंट, एनवॉयरनमेंटल कंसल्टिंग कंपनी में भी इनकी जरूरत होती है।

जिओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, द सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड के साथ साथ कोल इंडिया, मिनरल एक्प्लोरेशन अथॉरिटी, ऑयल ऐंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन, हिन्दुस्तान जिंक आदि में खनिज पदार्थों की खोज के लिए जिओलॉजिस्ट की सर्विस की डिमांड बनी रहती है। जिओलॉजी बैकग्राउंड से जुड़े लोग एन्वॉयरनमेंटल साइंटिस्ट, जिओडेसिस्ट, जिओग्राफर, जिओफिजिसिस्ट, हाइड्रोग्राफर, ओसनोग्राफर या माइनिंग इंजीनियर के रूप में देश के बडे ऑर्गनाइजेशन के साथ-साथ विदेश में भी नौकरी की तलाश कर सकते हैं।

सैलरी पैकेज


जिओलॉजिस्ट की सैलरी क्वालिफिकेशन और अनुभव पर भी निर्भर करती है। गवर्नमेंट सेक्टर में जिओलॉजिस्ट की शुरूआती सैलरी 15 से 20 हजार रुपये के बीच में होती है। प्राइवेट क्षेत्र की कंपनियों में भी शानदार सैलरी मिलती है।

इंस्टीट्यूट वॉच


अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ, यूपी
(बीएसएसी हानर्स जिओलॉजी, एमएससी अप्लाइड जिओलॉजी)

बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, वाराणसी
(एमएससी जिओलॉजी)

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, खडगपुर
(एमएससी इन जिओलॉजिकल साइंस, इंटीग्रेटेड एमएससी इन अप्लाइड जिओलॉजी, एमएससी इन एक्प्लोरेशन जिओफिजिक्स आदि)

इंडियन स्कूल ऑफ माइंस, धनबाद, झारखंड
(पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड एमएससी इन अप्लाइड जिओलॉजी/ अप्लाइड जिओफिजिक्स आदि)

दिल्ली यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
(बीएसएसी ऑनर्स जिओलॉजी, एमएससी इन जिओलॉजी, एमफिल इन जिओलॉजी, पीएचडी इन जिओलॉजी आदि।)

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