जयपुर जिले के भूजल की सिंचाई हेतु उपयुक्तता की जांच के लिए भू-जल गुणता का निर्धारण किया गया। 38 भूजल- नमूने मानसून से पूर्व एवं पश्चात् गहरे एवं अति गहरे कूपों से एकत्र किए गए। सार (SAR) के मानों का मानसून से पूर्व एवं पश्चात की अवधि के लिए निर्धारण किया गया। सार (SAR) के मान संकेत करते हैं के अधिकांश नमूने निम्न सोडियम क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। सिंचाई जल का यूं.एस. लवणता प्रयोगशाला वर्गीकरण के अनुसार मानसून से पूर्व एवं पश्चात दोनों अवधि के नमूने C3-S1 तथा C4-S4 श्रेणी के अंतर्गत आते हैं। इस प्रकार का जल सामान्यतः सिंचाई हेतु उपयुक्त नहीं होता परंतु विशेष परिस्थिति में इसका उपयोग किया जा सकता है। मृदा पारगम्य होनी चाहिए, निकासी पर्याप्त होनी चाहिए तथा सिंचाई हेतु जल का अधिकतम उपयोग होना चाहिए जिससे पर्याप्त निक्षालन हो सके तथा लवण अनुकूल फसल का चुनाव होना चाहिए।
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