रांची : झारखंड में तीन प्रोजेक्ट के तहत पांच नदियों को जोड़ा जायेगा। जल संसाधन विभाग ने इससे संबंधित प्रस्ताव राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण (एनडब्ल्यूडीए) को भेजा है।
बताया जाता है कि रिपोर्ट की विस्तृत विवरणी भी भेज दी गयी है। डीपीआर तैयार करने के लिए एनडब्ल्यूडीए ने अब राज्य सरकार से एक कार्यालय के लिए जगह मांगी है।
झारखंड की पहल पर सुधारी कार्यप्रणाली : एनडब्ल्यूडीए को अब तक सात राज्यों से 36 नदियों को जोड़ने का प्रस्ताव मिला है। प्रारंभ में एनडब्ल्यूडीए दो राज्यों की नदियों को जोड़ने के प्रस्ताव पर ही विचार करता था। पर इसमें काफी समस्या आती थी।
झारखंड की पहल पर उसने कार्यप्रणाली में संशोधन किया है। अब राज्यों के अंदर भी नदियों को जोड़ने का काम करेगा। झारखंड में दो नदियों की पूरी रिपोर्ट दे दी गयी है। तीसरे के लिए अभी इंतजार है।
इसके लिए किसी दूसरे राज्य से मंजूरी की जरूरत नहीं है।
कई बार देखा गया है कि कुछ इलाकों में पानी आवश्यकता से अधिक है। कुछ इलाकों में काफी कम है। इस अंतर को दूर करने के लिए नदियों को जोड़ने की योजना है। इसमें उतना ही पानी लिया जायेगा, जो आवश्यकता से अधिक होगा।
- डॉ डीके सिंह, कार्यपालक अभियंता, जल संसाधन विभाग
ऐसा देखा जाता है कि कुछ नदियां गरमी में सूख जाती हैं। इससे ऐसी नदियों में सालों भर पानी रहेगा। जमशेदपुर के आसपास बाढ़ की स्थिति बन जाती है। इस पर भी नियंत्रण हो सकेगा। सुखाड़ से निबटने में यह योजना कारगर साबित होगी। केंद्र शत प्रतिशत अनुदान देगा।
- आरएस पोद्दार, सचिव जल संसाधन विभाग
साउथ कोयल-स्वर्णरेखा लिंक कैनाल प्रोजेक्ट
साउथ कोयल से स्वर्णरेखा में 1792 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पानी का डायवर्सन किया जायेगा। इसमें 403 एमसीएम पानी शंख से और 1281 एमसीएम साउथ कोयल नदी से लिया जायेगा। यानी कुल 1684 एमसीएम पानी स्वर्णरेखा में जायेगा। साउथ कोयल से 38 एमसीएम सिंचाई, 30 एमसीएम घरेलू उद्देश्य और 40 एमसीएम पानी ट्रांसमिशन लॉस में जायेगा।
कहां और कैसे जुड़ेगी : प. सिंहभूम के पेडयार गांव में बराज बनाया जायेगा इसके लिए 76.25 किमी कैनाल का निर्माण होगा चौड़ाई 34 मी और गहराई तीन मी होगी
लागत : 1399 करोड़ रुपये। परियोजना की आयु 100 वर्ष आंकी गयी है
मिलेगा लाभ : 7200 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जा सकेगी 100 मेगावाट का हाइडल बिजली उत्पादन संयंत्र भी लगाया जा सकेगा
बढ़ेगा राजस्व : सरकार को कुल 6698 करोड़ रुपये राजस्व के प में मिलेंगे। इनमें सिंचाई से 15.96 करोड़, नगर निकाय से 5.93 करोड़, उद्योगों से 561.53 करोड़ व ऊर्जा उत्पादन से86.40 करोड़ रुपये शामिल हैं।
शंख - साउथ कोयल लिंक कैनाल प्रोजेक्ट
शंख से 498 एमसीएम पानी को साउथ कोयल नदी में भेजा जायेगा। कैनाल को साउथ कोयल की सहायक मरदा नदी से जोड़ा जायेगा।
कहां और कैसे जुड़ेगी : झारखंड व छत्तीसगढ़ की सीमा पर गुमला जिले के बरटोली गांव में बराज बनाया जायेगा 41.20 किमी का कैनाल तैयार किया जायेगा इसकी चौड़ाई 11 मीटर, गहराई 2.5 मीटर होगी
लागत : 519 करोड़ रुपये लागत आयेगी। परियोजना की आयु 100 वर्ष आंकी गयी है
लाभ : 10369 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी पावर प्लांट, उद्योगों व घरेलू जरूरतों में पानी का इस्तेमाल होगा 28 मेगावाट बिजली उत्पादन संयंत्र लगाने की भी योजना
बढ़ेगा राजस्व : परियोजना से 173.85 करोड़ राजस्व प्राप्ति का अनुमान है।
बराकर-दामोदर-स्वर्णरेखा
इस पर अभी विभाग अध्ययन कर रहा है। एनडब्ल्यूडीए को बता दिया गया है कि सरकार कुछ डैम बनाने जा रही है। इस कारण इसे अभी लंबित रखा जा रहा है।
बताया जाता है कि रिपोर्ट की विस्तृत विवरणी भी भेज दी गयी है। डीपीआर तैयार करने के लिए एनडब्ल्यूडीए ने अब राज्य सरकार से एक कार्यालय के लिए जगह मांगी है।
झारखंड की पहल पर सुधारी कार्यप्रणाली : एनडब्ल्यूडीए को अब तक सात राज्यों से 36 नदियों को जोड़ने का प्रस्ताव मिला है। प्रारंभ में एनडब्ल्यूडीए दो राज्यों की नदियों को जोड़ने के प्रस्ताव पर ही विचार करता था। पर इसमें काफी समस्या आती थी।
झारखंड की पहल पर उसने कार्यप्रणाली में संशोधन किया है। अब राज्यों के अंदर भी नदियों को जोड़ने का काम करेगा। झारखंड में दो नदियों की पूरी रिपोर्ट दे दी गयी है। तीसरे के लिए अभी इंतजार है।
इसके लिए किसी दूसरे राज्य से मंजूरी की जरूरत नहीं है।
कई बार देखा गया है कि कुछ इलाकों में पानी आवश्यकता से अधिक है। कुछ इलाकों में काफी कम है। इस अंतर को दूर करने के लिए नदियों को जोड़ने की योजना है। इसमें उतना ही पानी लिया जायेगा, जो आवश्यकता से अधिक होगा।
- डॉ डीके सिंह, कार्यपालक अभियंता, जल संसाधन विभाग
ऐसा देखा जाता है कि कुछ नदियां गरमी में सूख जाती हैं। इससे ऐसी नदियों में सालों भर पानी रहेगा। जमशेदपुर के आसपास बाढ़ की स्थिति बन जाती है। इस पर भी नियंत्रण हो सकेगा। सुखाड़ से निबटने में यह योजना कारगर साबित होगी। केंद्र शत प्रतिशत अनुदान देगा।
- आरएस पोद्दार, सचिव जल संसाधन विभाग
साउथ कोयल-स्वर्णरेखा लिंक कैनाल प्रोजेक्ट
साउथ कोयल से स्वर्णरेखा में 1792 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पानी का डायवर्सन किया जायेगा। इसमें 403 एमसीएम पानी शंख से और 1281 एमसीएम साउथ कोयल नदी से लिया जायेगा। यानी कुल 1684 एमसीएम पानी स्वर्णरेखा में जायेगा। साउथ कोयल से 38 एमसीएम सिंचाई, 30 एमसीएम घरेलू उद्देश्य और 40 एमसीएम पानी ट्रांसमिशन लॉस में जायेगा।
कहां और कैसे जुड़ेगी : प. सिंहभूम के पेडयार गांव में बराज बनाया जायेगा इसके लिए 76.25 किमी कैनाल का निर्माण होगा चौड़ाई 34 मी और गहराई तीन मी होगी
लागत : 1399 करोड़ रुपये। परियोजना की आयु 100 वर्ष आंकी गयी है
मिलेगा लाभ : 7200 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जा सकेगी 100 मेगावाट का हाइडल बिजली उत्पादन संयंत्र भी लगाया जा सकेगा
बढ़ेगा राजस्व : सरकार को कुल 6698 करोड़ रुपये राजस्व के प में मिलेंगे। इनमें सिंचाई से 15.96 करोड़, नगर निकाय से 5.93 करोड़, उद्योगों से 561.53 करोड़ व ऊर्जा उत्पादन से86.40 करोड़ रुपये शामिल हैं।
शंख - साउथ कोयल लिंक कैनाल प्रोजेक्ट
शंख से 498 एमसीएम पानी को साउथ कोयल नदी में भेजा जायेगा। कैनाल को साउथ कोयल की सहायक मरदा नदी से जोड़ा जायेगा।
कहां और कैसे जुड़ेगी : झारखंड व छत्तीसगढ़ की सीमा पर गुमला जिले के बरटोली गांव में बराज बनाया जायेगा 41.20 किमी का कैनाल तैयार किया जायेगा इसकी चौड़ाई 11 मीटर, गहराई 2.5 मीटर होगी
लागत : 519 करोड़ रुपये लागत आयेगी। परियोजना की आयु 100 वर्ष आंकी गयी है
लाभ : 10369 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी पावर प्लांट, उद्योगों व घरेलू जरूरतों में पानी का इस्तेमाल होगा 28 मेगावाट बिजली उत्पादन संयंत्र लगाने की भी योजना
बढ़ेगा राजस्व : परियोजना से 173.85 करोड़ राजस्व प्राप्ति का अनुमान है।
बराकर-दामोदर-स्वर्णरेखा
इस पर अभी विभाग अध्ययन कर रहा है। एनडब्ल्यूडीए को बता दिया गया है कि सरकार कुछ डैम बनाने जा रही है। इस कारण इसे अभी लंबित रखा जा रहा है।
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