जोतै खेत घास न टूटै।
तेकर भाग साँझ ही फूटै।।
शब्दार्थ- तेकर-उसका। भाग – भाग्य।
भावार्थ- खेत की जुताई के बाद भी यदि उस खेत की घास समाप्त न हुई तो समझो उस किसान का भाग्य ही फूट गया।
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