घाघ और भड्डरी 23 Mar, 2010 . 1 min read Facebook Twitter SHARE जो कपास को नाहीं गोड़ी। ताके हाथ न आवै कौड़ी।।भावार्थ- जिस किसान ने कपास की थोड़ी सी भी गोड़ाई नहीं की उसके हाथ एक कौड़ी भी नहीं लगेगी। Path Alias /articles/jao-kapaasa-kao-naahain-gaodai Post By: tridmin Topic Sub Categories पुस्तकें और पुस्तक समीक्षा Regions भारत Email Address View the discussion thread.