जो कहुं हवा अकासे जाय, परै न बूंद काल परि जाय।
दक्खिने पच्छिम आधे समयो, भड्डर जोसी ऐसो मनयो।।
भावार्थ- यदि आषाढ़-सावन में हवा ऊपर (आकाश) की ओर उठे तो यह समझना चाहिए की पानी नहीं बरसेगा और अकाल पड़ जाएगा। भड्डर ज्योतिषी कहते हैं कि ऐसी स्थिति में दक्षिण-पश्चिम की दिशा में थोड़ी फसल पैदा होने की आशा है।
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